राज्य
25-Jan-2023
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भोपाल (ईएमएस) । यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंसजो कि बैंकिंग उद्योग के शत प्रतिशत बैंक कर्मचारी- अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता हैके आह्वान पर देशभर के दस लाख से ज्यादा बैंक कर्मी भारतीय बैंक संघ से अपनी जायज मांगों के शीघ्र निराकरण को लेकर आंदोलित एवं आक्रोशित हैं। उनकी मांग है कि सप्ताह में 5 दिन की बैंकिंग लागू करो पिछले सेवानिवृत्त बैंक कर्मियों की पेंशन अपडेशन करो अवशिष्ट मुद्दों का निराकरण करो बेहतर ग्राहक सेवा के लिए सभी संवर्गों में समुचित भर्ती करो नई पेंशन योजना रद्द करो और पुरानी पेंशन योजना बहाल करो वेतन पुनरीक्षण के मांग पत्र पर वार्ता शीघ्र शुरू करो आदि। इसी तारतम्य मैं राजधानी भोपाल की विभिन्न बैंकों के सैकड़ों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी आज शाम 6:00 बजे अरेरा हिल्स भोपाल स्थित यूको बैंक के जोनल ऑफिस के सामने एकत्रित हुए। उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई जिसे फोरम के पदाधिकारियों वी के शर्मा संजीव सबलोकअरुण भगोलीवाल दीपक रत्न शर्मा संदीप चौबे एम एस जयशंकर श्याम रैनवालवी एस नेगी सुनील सिंह आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने बताया कि भारतीय बैंक संघ के पास काफी समय से बैंक कर्मियों की मांगे लंबित हैं लेकिन यह दुर्भाग्य का विषय है कि जानबूझकर मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि बदलते बैंकिंग परिवेश और ग्राहकों की जरूरतों के लिए वैकल्पिक डिलीवरी चैनलों की उपलब्धता आदि को देखते हुए हम मांग कर रहे हैं कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को अवकाश घोषित कर सप्ताह में 5 दिन की बैंकिंग लागू की जाए। बैंकों में पेंशन योजना पर 1993 में सहमति बनी थी। भविष्य निधि में बैंक के योगदान के बदले में जनवरी 1986 से पेंशन योजना लागू हुई थी। इसके पश्चात सात द्विपक्षीय वेतन संशोधन समझौते हो चुके हैं लेकिन 1986 से लेकर आज तक पेंशन में कोई संशोधन नहीं किया गया है। अतः हम पेंशन अपडेशन की मांग कर रहे हैं। नवंबर 2020 में वेतन संशोधन समझौता हुआ था । इसके मांग पत्र के कई मुद्दों का निराकरण नहीं हो पाया था। दोनों पक्षों की ओर से इन मुद्दों को आगे बढ़ाने पर सहमति हुई थी । 2 वर्ष से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी इन मुद्दों का निराकरण नहीं हो पाया है । अतः इनका समाधान शीघ्र होना चाहिए। बैंकिंग हमारे देश के लोगों के दैनिक जीवन को छू रही है। यह साठ करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएं दे रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओं का संचालन भी बैंकों के माध्यम से होता है। बैंकों में अतिरिक्त व्यवसाय को पूरा करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है बल्कि सेवानिवृत्ति मृत्यु पदोन्नत आदि से उत्पन्न मौजूदा रिक्तियों को भी नहीं भरा जा रहा है। इस कारण गत वर्षों से कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी आई है। बैंकों में लगातार बढ़ रहे व्यवसाय बैंकिंग सेवाओं के व्यापक विस्तार और बैंक के ग्राहकों को बेहतर त्वरित एवं उत्तम ग्राहक सेवा प्रदान करने के लिए बैंकिंग उद्योग के सभी संभागों में पर्याप्त भर्ती की जानी चाहिए। अप्रैल 2010 के बाद के बैंक कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन के बदले नई पेंशन योजना लागू की गई थी। एक दशक के हमारे अनुभव के अनुसार एनपीएस पूरी तरह से शेयर बाजार की स्थिति के अनुसार उतार-चढ़ाव कर रही है। जो कि विशुद्ध रूप से सट्टा अप्रत्याशित और असंगत है। अतः न्यू पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जानी चाहिए। बैंक कर्मचारी एवं अधिकारियों का वेतन संशोधन समझौता 1 नवंबर 2022 से लंबित है। इस बाबत मांग पत्र दिया जा चुका है लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक इस संबंध में एक भी बैठक नहीं हुई है। भारतीय बैंक संघ द्वारा इस मुद्दे पर चुप्पी साध लेना समझ से परे है। अतः इस पर शीघ्र वार्तालाप प्रारंभ कर वेतन संशोधन समझौता अविलंब किया जाना चाहिए। उन्होंने भारतीय बैंक संघ को आगाह किया कि उनकी लंबित मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए अन्यथा देशभर के दस लाख बैंक कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा 30 और 31 जनवरी 2023 को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल की जाएगी। उन्होंने समस्त बैंक कर्मियों से हड़ताल को सफल बनाने की अपील की। ईएमएस/25जनवरी2023