अंतर्राष्ट्रीय
31-Jan-2023
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पेशावर (ईएमएस)। पाकिस्तान के पेशावर में एक मस्जिद के अंदर सोमवार को हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 83 हो गई है और 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया ने मरने वालों की संख्या 72 बताई है। मरने वालों में अधिकांश पुलिस अधिकारी थे। पेशावर के पुलिस प्रमुख मोहम्मद ऐजाज खान के मुताबिक अलग-अलग दफ्तरों से करीब 300 से 400 लोग रोज मस्जिद में नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं। विस्फोट के समय मस्जिद में 300 से अधिक नमाजी नमाज पढ़ रहे थे। पुलिस ने कहा कि बचाव दल को नमाजियों तक पहुंचने के लिए मलबे के टीलों को हटाना पड़ा। खैबर पख्तूनख्वा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मुहम्मद आजम खान ने हमले के मद्देनजर मंगलवार प्रांत एक दिन के शोक की घोषणा की है। उन्होंने कहा पूरे प्रांत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। पाकिस्तान तालिबान के एक कमांडर जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के सरबकाफ मोहमंद ने सोमवार को ट्विटर पर एक पोस्ट में हमले की जिम्मेदारी ली। घंटों बाद टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने कहा कि उनकी नीति में मस्जिदों मदरसों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना शामिल नहीं है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने हमले की निंदा की है। पाकिस्तान की एक मस्जिद में सोमवार के आत्मघाती बम विस्फोट के पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। पिछले कुछ सालों के इतिहास पर नजर डालें तो तमाम आतंकी संगठनों की पनाहगाह पाकिस्तान की भूमि बनती आई है। अमेरिका में हमले को अंजाम देने वाले अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में ही पनाह मिली थी। इतना ही नहीं जैश ए मोहम्मद का चीफ मसूद अजहर मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी पाकिस्तान में ही छिपा बैठा है। आतंकियों का पालन-पोषण करने वाला पाकिस्तान खुद भी इसका शिकार बन रहा है। साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार पाकिस्तान में पिछले 22 साल में 15997 आतंकी हमले हुए हैं। इन हमलों में 28 918 लोगों की मौत हुई है। अकेले 2022 की बात करें तो 365 हमले हुए। इनमें 229 नागरिकों की मौत हुई। जबकि 379 जवानों की जान गई। पाकिस्तान में 22 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर दिन करीब 4 नागरिक या जवान अपनी जान आतंकी हमलों में गंवा रहे हैं। इससे पहले 2021 में पाकिस्तान में 267 आतंकी घटनाएं हुईं। इनमें 214 नागरिकों और 226 सुरक्षाबलों के जवानों की जान गई।