क्षेत्रीय
01-Feb-2023
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प्राचार्य ने कहा-मुझे जानकारी नहीं मैं तो अनुमति लेने नगरपालिका गया था अशोकनगर (ईएमएस)। पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं में बना शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल मंगलवार को शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज में लहलहा रहे हरे-भरे पेड़ों को काटकर कोई ले गया है। पेड़ किसने काटे कितने काटे और कब काटे इसकी जानकारी नेहरू डिग्री कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एएस लहरिया को भी नहीं है। साथ ही वह यह भी नहीं बता पाए कि पेड़ काटने के लिए परमीशन मिली भी है या नहीं। बुधवार को जब उनसे कॉलेज में जाकर चर्चा की तो प्राचार्य लहरिया बताया कि कल मैं खुद नगरपालिका में परमीशन लेने के लिए गया था। इसी दौरान मुझे स्टॉफ ने पेड़ काटने की जानकारी दी तो मैंने पेड़ कटवाना रुकवा दिया। जब उनसे पूछा कि अभी परमीशन मिली या नहीं तो वह कोई जबाव नहीं दे पाए। उन्होंने बताया कि दो-तीन पेड़ कटे हैं साथ ही उनका यह भी कहना था कि मैं बाबूजी से जानकारी ली है। उन्होंने बताया कि चार पेड़ काटने के 25 हजार रुपये जमा किए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पेड़ काटने के लिए बोली भी लगवाई गई थी जिसमें दो-तीन लोगों ने भाग लिया था। जब उनसे पूछा गया कि बोली में किन-किन लोगों ने भाग लिया था उनके नाम बताएं तो वे कहने लगे कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है बाबूजी बताएंगे। कुल मिलाकर प्राचार्य की अनुपस्थिति में कोई नेहरू डिग्री कॉलेज से पेड़ काट ले गया है। चूंकि इस बात की पहले से ही चर्चा है कि नेहरू डिग्री कॉलेज में असामाजिक तत्वों का आना-जाना है ऐसे में संभव है कि कोई असामाजिक तत्व पेड़ काट ले गया हो। नहीं किया गया नियमों का पालन: कॉलेज परिसर में पेड़ काटने का मामला इसलिए संदेह के घेरे में है क्योंकि प्रभारी प्राचार्य न तो यह बता पा रहे हैं कि पेड़ काटने की अनुमति मिल पाई है और न ही इसके लिए विधिवत टेण्डर या ठेका प्रक्रिया अपनाई गई है। प्रभारी प्राचार्य हर सवाल का जबाव बाबूजी से पूछकर बताने और बाबूजी को जानकारी होने की बात कह रहे हैं जिससे लगता है कि प्रभारी प्राचार्य को कॉलेज में होने वाली गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं रहती है और सारा काम बाबूजी के हवाले है। हाल ही में हो चुके हैं विवाद: प्रभारी प्राचार्य डॉ. एएस लहरिया की इसी सुस्ती के कारण हाल ही में कॉलेज में दो छात्र संगठनों के बीच विवाद हो गया था। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के साथ जमकर मारपीट की थी। गनीमत रही कि कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ। एक पक्ष ने कॉलेज में बाहरी तत्वों के द्वारा मारपीट करने के आरोप भी लगाए थे। छात्रों ने भी उठाए पेड़ काटने पर सवाल: नेहरू डिग्री कॉलेज से अज्ञात लोगों द्वारा पेड़ काटे जाने को लेकर जहां आम लोगों में चर्चा है वहीं कॉलेज के छात्रों द्वारा भी इस पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। बीए फस्र्ट ईयर के छात्र रोहित कुर्मी ने प्राचार्य के नाम आवेदन दिया है और बताया है कि कॉलेज प्रशासन द्वारा दिए गए आदेश से महाविद्यालय प्रांगण में पेड़ काटे जा रहे हैं यह निंदनीय है। कोरोनाकाल में जिन पेड़ों की आवश्यकता का महत्व हम सभी को ज्ञात हो चुका है आज वही पेड़ काटे जा रहे है इससे कॉलेज की सुंदरता भी घट रही है। छात्र ने आवेदन में मांग की है कि जितने पेड़ काटे जा रहे हैं उनसे कई गुना पेड़ लगाए जाएं। इनका कहना: जनभागीदारी समिति की बैठक में गार्डन बनाने के लिए पेड़ काटने का प्रस्ताव डाला गया था इसलिए पेड़ काटे गए हैं परमीशन लेने के लिए मैं नगरपालिका कार्यालय गया था तभी पेड़ कट गए। डॉ. एएस लहरिया प्रभारी प्राचार्य नेहरू डिग्री कॉलेज ओमप्रकाश/ईएमएस/01/02/2023