राष्ट्रीय
03-Feb-2023
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- सोलर पैनल में टैक्स की मार नई दिल्ली (ईएमएस)। पिछले 3 वर्षों में भारत में सोलर पैनल की कीमत बढ़ती ही जा रही है।जो कीमत बढ़ रही है। उसमें मुख्य रूप से केंद्रीय कर और जीएसटी के कारण सोलर पैनल की कीमतें बढ़ रही हैं। जिसके फलस्वरूप सोलर बिजली उत्पादन में भारत तेजी के साथ पिछड़ता जा रहा है।अभी भी पावर प्लांट के ऊपर आधारित होना पड़ रहा है। जिसका असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है।बिजली उत्पादन के लिए विदेशों से महंगा कोयला आयात करना पड़ा था। भारत में अभी भी सबसे ज्यादा बिजली पावर प्लांट से ही उत्पादन की जा रही है जबकि वैकल्पिक ऊर्जा के कई साधन सामने हैं। सोलर पेनल क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि 2020 में 18 से 20 रूपये प्रति वाट सोलर पैनल का रेट होता था। उस समय जीएसटी केवल 5 फ़ीसदी थी। 2021 में जीएसटी को 5 फ़ीसदी से बढ़ाकर 12 फ़ीसदी कर दिया गया। सोलर पैनल पर करीब 40 फ़ीसदी आयात शुल्क होने के कारण सोलर पैनल के रेट बढ़कर 2022-23 में 28 से 31रूपये प्रति वाट के हो गए हैं। इसके ऊपर 12 फ़ीसदी जीएसटी भी देना होता है। विशेषज्ञों के अनुसार 2020 में 3 किलो वाट का जो सोलर प्लांट 150000 रुपए में लग जाता था। वह 2022-23 में 200000 रुपये में लगता है।सरकार एक और सब्सिडी देकर सोलर बिजली उत्पादन बढ़ाने का दावा करती है। दूसरी ओर लगातार सोलर पैनल में आयात शुल्क और जीएसटी लगाकर सोलर पैनल महंगे किए जा रहे हैं। देश भर की विद्युत वितरण कंपनियां सोलर उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। लोगों की छतों पर और कार्यालयों में बड़े पैमाने पर सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादनबड़ी तेजी के साथ बढ़ाया जा सकता है। लाखों लोग बिजली उत्पादक के रूप में सामने आ सकते हैं।सस्ती बिजली भारत में उपलब्ध हो सकती है। इसके बाद भी सरकार लगातार सोलर पैनल पर आयात शुल्क एवं अन्य केंद्रीय कर बढ़ाकर सोलर उत्पादित विद्युत की योजना में सबसे बड़ी बाधा बन गई है। भारत में सोलर बिजली उत्पादन बढ़ाना है तो सोलर पैनल पर आयात शुल्क खत्म करना होगा।जीएसटी भी न्यूनतम टैरिफ पर लिए जाने से भारत में सोलर विद्युत उत्पादन बड़ी तेजी के साथ बढ़ाया जा सकता है। आश्चर्य की बात यह हैकि 2023-24 का जो बजट प्रस्तुत किया गया है। इसमें भी सरकार ने इस महत्वपूर्ण तथ्य पर ध्यान नहीं दिया।