क्षेत्रीय
04-Feb-2023
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- शासन के बदलते निमयों से बढे अतिशेष जबलपुर (ईएमएस)। म०प्र० तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा नित नये प्रयोगों से शिक्षा विभाग में कोई भी विषयवार पद संरचना, आज तक विभाग निश्चित नहीं कर पाया है माध्य. शालाओं की पद संरचना अनुसार विज्ञान विषय के पद को 5वां एवं हिन्दी विषय को ६वां पद मान जा रहा है। जबकि भर्ती के समय विज्ञान, गणित विषय में किसी एक पद को ही पहला पद माना गया था तथा हिन्ही विषय को तीसरा पद माना जाना था, इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के तहत विद्यालय में कौन शिक्षक अतिशेष होगा जिसे उच्च न्यायालय के द्वारा शासन को दिये गये निर्देशानुसार (अंत में शाला में आने वाला शिक्षक ही पहले अतिशेष होगा न की पूर्व से कार्यरत शिक्षक) किन्तु उच्च न्यायालय के द्वारा दिये गये निर्देशों के विपरित विभाग द्वारा विद्यालय में पदस्थ सबसे वरिष्ठ शिक्षक को ही अतिशेष माना जा रहा है, जो न्यायालय के निर्देशों के विपरित है। विभाग में बैठे आला अधिकारियों द्वारा अतिशेष पर असमंजस की स्थिति के कारण ऐन परिक्षा के पहले शिक्षक पढाई छोड अतिशेष से बचने की जुगत में लग गये है। शिक्षा विभाग की इस अंधरगर्दी, तानाशाही के चलते शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, नीरज मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एस. पी. वाथरे, चूरामन गुर्जर, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, प्रशांत श्रीवास्तव, शाहिल सिद्दीकी, गोविन्द विलथेर, रजनीश तिवारी, डी. डी. गुप्ता, आदि ने मुख्यमंत्री स्कूल शिक्षा मंत्री म.प्र. शासन को ई-मेल भेजकर मांग की है कि अतिशेष प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए उच्च न्यायालय द्वारा दी गई युक्तियुक्तकरण की परिभाषा अनुसार ही अतिशेष शिक्षकों का हो चिन्हांकन।