राज्य
04-Feb-2023
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- नियमितीकरण को तरसे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया कि प्रदेश में 50 से अधिक विभाग हैँ, जिनके प्रत्येक जिले, तहसील, ब्लॉक में लाखों की संख्या में संविदा कर्मचारी हैं जो इन विभिन्न विभागों में अपने सेवाएं दे रहें हैं। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार शिक्षा और स्वास्थ्य दो विभाग सबसे बड़े हैं। इनमें से स्वास्थ्य विभाग में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दिन रात चौबीस घंटे स्वास्थ्य सेवाएं दे रहें हैं कोविड के समय जब सभी लोग अपनी जान की सुरक्षा के लिए घरों में छुपे बैठे थे तब इन्हीं संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना निस्वार्थ भाव से सभी बीमार व्यक्तियों की सेवा की। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि ये संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी विगत 10-15 वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रहें हैं परन्तु सरकार इनके विषय में कोई चिंता नहीं करती हैं। सम्मान जनक वेतन प्राप्त करने तथा सुखमय जीवन व्यतीत करने का इनका स्वप्न मात्र दिवा स्वप्न बनकर ही रह गया है। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार मुख्यमंत्री ने शासन द्वारा संविदा नीति को असंवैधानिक मानते हुए इन्हे नियमित करने के लिए 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक नीति तैयार की गयी परन्तु 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस नीति को लागू नहीं किया गया। ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया। जब संविदा शिक्षक, गुरूजी एवं जनसम्पर्क के संविदा कर्मी नियमित हो सकते हैं तो वैसे भी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को भी नियमित किया जाना चाहिए क्योंकि ये बेचारे अपनी जायज मांगो के शीघ्र अतिशीघ्र निराकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैँ। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर, अरविन्द दीक्षित, जी आर झारिया, भास्कर गुप्ता, अरविंद पंडित,सत्येंद्र तिवारी, अंशुल रजक,कपिल सोनी, आशा सिसोदिया, चंदा सोनी, पुष्पा रघुवंशी, मधुमिता हाजरा, प्रीति ठाकुर, अर्चना भट्ट, ऋषि पाठक, विश्वनाथ सिंह, नितिन तिवारी, अफ़रोज़ खान, बैजनाथ यादव, संदीप भागवत, प्रशांत श्रीवास्तव, ब्रजेश मौर्य, महेश मेहरा, माया सोयाम, सुरेंद्र जायसवाल, अजय लोधी, रवि विश्वकर्मा, पंकज हल्दकार,राकेश मून, दुर्गेश खातरकर, आकाश भील, धर्मेंद्र परिहार, विशाल सिंह,चंद्रभान साहू,कमलेश दुबे, राशिद अली, आदेश विश्वकर्मा, ब्रजेन्द्र तिवारी, अजब सिंह, इमरत सेन, डेलन सिंह, सुधीर गौर, मुकेश कोल,समर सिंह,अजय श्रीपाल, सुरेंद्र परसते, प्रमोद चौबे, भोगीराम चौकसे, गंगाराम साहू, विष्णु झारिया, मदन पांन्द्रो, देवसिंह भवेदी, राजेंद्र प्रधान, दशरथ मरावी, रामदयाल उइके, अमर सिंह, पवन सोयाम, रामकिशोर इपाचे, जागृति मालवीय,राजेश्वरी दुबे, अम्बिका हँतिमारे, ब्रजवती आर्मो, भगीरथ परसते, सरोज कोल, गीता कोल, शांति टेकाम, योगिता नंदवेश्वर, पूर्णिमा बेन,संदीप परिहार, प्रेमवती सोयाम,अंजनी उपाध्याय, वीरेंद्र दुबे, त्रिलोक सिंह, शायदा खान अर्चना भट्ट, रेनू बुनकर, अनुराधा नामदेव, सुमिता इंगले, मोदित रजक, जीतेन्द्र रजक, ब्रजेन्द्र सिंह, संतोष श्रीवास्तव,आदि ने मुख्यमंत्री और वरिष्ठ सक्षम अधिकारीयों से पत्राचार/ईमेल किया और स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों की जायज मांगो को पूरा करने की मांग की है क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग की बनाई गयी नीति का लाभ नहीं मिलने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त हैं और वे आंदोलन करने को बाध्य हो रहें हैं।