लेख
05-Feb-2023
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केन्द्रीय विधि मंत्री किरण ऋजुजु हमेशा की तरह एक बार फिर रांग फुट पर कैच हो जाने के बाद भी क्रीज़ पर खड़े है। जी हाँ सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ द्वरा केंद्र सरकार द्वरा सुप्रीम कोर्ट जज बनाए जाने के लिए सिफारिश किए गए नामों को “सरकार द्वरा लटकाए जाने” पर चेतावनी दिए जाने के 24 घंटे के अंदर सभी 5 पाँच जजों के नाम कालेजियां को सिफारिश कर के भेज दिए। उसके बावजूद इलाहाबाद हाई कोर्ट की 150 वी जयंती पर उन्होंने कहा “कोई किसी को धमका नहीं सकता”। आगे उन्होंने कहा की लोकतंत्र में जनता सुप्रीम भगवान है , हम सब सेवक हैं , कोई किसी को धमका नहीं सकता। सवाल यह है की ऋजुजु जी ने कालेजियम द्वरा मोदी सरकार को भेजे गए नामों को लटकाने का कलंकित इतिहास सार्वजनिक जानकारी हैं। संसद में खुद विधि मंत्री ने स्वीकार किया हैं की कालेजियम के भेजे गए नामों को 18 बार वापस भेज दिया , बिना उनको स्वीकरती दिए हुए। इनमे 5 नाम ऐसे थे जो एक से अधिक बार विधि मंत्रालय को भेजे गए थे। अब ऋजुजु जी का यह कहना की कोई किसी को धमक नहीं सकता , व्यर्थ ही लगता हैं। अदानी कांड के बाद केंद्र सरकार की साख बिल्कुल डगमगा गई है। इसीलिए झटपट पाँच नामों को अनमने ढंग से स्वीकार करते हुए नियुक्ति की सिफारिश की। एक ओर मंत्री जी कहते हैं की देश की अदालतों में मुकदमे के अम्बर लगे है - दूसरी ओर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिक्त पदों पर जजों की नियुक्ति में जांच के नाम से’ लटकाया जाता हैं। और जांच कैसी की सिफारिश किए हुए एडवोकेट ने सरकार या प्रधान मंत्री के फैसले या सरकार के निर्णय पर विरोध अथवा आलोचना की है। अब दिल्ली के अतिरिक्त सेशन जज ने जामिया मिलिया के मामले में सभी 11 आरोपियों को रिहा करने का फैसला दिया हैं। उसने अपने फैसले में लिखा हैं की विरोध की आवाज उठान और उसके लिए प्रदर्शन करना संविधान की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ही भाग हैं। ऐसा करना कोई अपराध नहीं हैं। अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकारते हुए लिखा की “अंदाज और आशंका” की बुनियाद को किसी भी अपराध का आधार नहीं बनाया जा सकता हैं। .../ 5 फरवरी 2023