लेख
06-Feb-2023
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केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल जी उस वक्त आग बबूला हो गए जब बे दिल्ली से गोंडवाना एक्सप्रेस में जबलपुर की यात्रा कर रहे थे, सोने के पहले अटेंडेंट ने जब उन्हें चादर और बैडरोल दिए तो उनकी गंदगी देखकर नेता जी बिफर गए । अटेंडेंट को दूसरी चादरें लाने के लिए कहा लेकिन अटेंडेंट क्या जाने कि ये नेताजी हैं,उसने सोचा होगा आम आदमी है थोड़ी देर इंतजार करेगा फिर बिछाकर ओढ़ के सो जाएगा, लेकिन नेता तो नेता होता है, तत्काल से पेशतर पटेल साहेब ने रेलवे के आला अफसरों को हड़का दिया बस फिर क्या था पूरा डिपार्टमेंट हिल गया। सुबह छह बजे बिना हाथ मुंह धोए, बिना ब्रश किए एक बड़े अफसर रेलवे स्टेशन पहुंच गए, जैसे ही अपने नेता जी गाड़ी से उतरे उनसे हाथ जोड़कर माफी मांग ली इस बीचऔर भी तमाम अफसर इकट्ठे हो गए और गाज गिरा दी ठेकेदार पर,दस हजार का जुर्माना ठोक किया और एक सुपरवाइजर सस्पेंड भी कर दिया। अपनी तो यही इच्छा है कि हर नेता और मंत्री ट्रेन से यात्रा करें और अटेंडेंट उन्हे गंदी चादर ,गंदा तकिया, गंदा बैडरोल प्रदान करें, इतना ही नहीं उन्हें ऐसे कंपार्टमेंट में बर्थ मिले जिसका वाशबेसिन टूटा हुआ हो, जिसमें पान और गुटका थूका गया हो ,टॉयलेट ऐसा हो कि घुसते ही उल्टी की नौबत आने लगे, सीटें उधड़ी हों, पंखे चल ना रहे हों ए सी बंद हो, खिड़की खुलती ना हो तब जाकर नेताओं को पता लगेगा कि आम यात्री किन मुसीबतों के साथ इन ट्रेनों में यात्रा करता है। किसी दिन किसी नेता जी को फर्स्ट क्लास छोड़कर किसी जनरल डिब्बे में भी यात्रा करना चाहिए जहां दरवाजे और खिड़कियों में लोग आधे लटके रहते हैं, जहां ना हिलने की जगह है ना सांस लेने की, भेड़ बकरियों की तरह ठुसे हुए यात्री कैसे यात्रा करते हैं ये भी तो कम से कम नेता जी को पता लग सके और उनके क्रोध के चलते शायद इनकी भी स्थिति सुधर जाए ,भगवान हमारी इच्छा जल्दी पूरी कर देना आपसे यही प्रार्थना है। किससे सवाल करें साठ के दशक में राजेंद्र कुमार और बी सरोजा देवी अभिनीत एक फिल्म आई थी नाम था ससुराल इस फिल्म का ये गाना बड़ा मशहूर हुआ था जिसके बोल थे एक सवाल मैं करूं एक सवाल तुम करो हर सवाल का जवाब ही सवाल हो बड़ा कांफ्यूजिंग गाना था। सवाल का जवाब तो जवाब ही होगा लेकिन यहां हीरो हीरोइन कह रहे हैं कि सवाल का जवाब सवाल ही होना चाहिए। आजकल उसी तर्ज पर अपने प्रदेश के मुखिया मामा शिवराज सिंह जी चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला जारी है, मामा जी रोज एक सवाल पूछते हैं कमलनाथ जी उसका उत्तर देने की बजाय फिर एक सवाल उनसे पूछ लेते हैं। जनता भारी हलकान है कि सवाल पूछना तो हमारा काम है नेताओं से, लेकिन इधर नेता खुद ही एक दूसरे से सवाल जवाब कर रहे हैं, बेचारी जनता अब किस से सवाल करें। वैसे आजकल सवाल का दौर काफी जम के चल रहा है टीवी में एंकर सत्ता पक्ष की बजाय विपक्ष से सवाल पूछता है, संसद में विपक्ष की बजाए सत्ता पक्ष ही विपक्ष से सवाल पूछ रहा है,बेटा बाप से सवाल पूछ रहा है सास की बजाय बहू सास से सवाल पूछ रही है, जिन नेताओं पर सवाल का जवाब देने की जिम्मेदारी है वे खुद ही सवाल पूछने में जुटे हैं असल में वे भी जानते हैं कि यदि हम एक दूसरे से सवाल नहीं करेंगे तो जनता हमसे सवाल करने लगेगी और जब जनता हमसे सवाल करेगी तो हम क्या जवाब देंगे ? अपने को तो लगता है ये नूरा कुश्ती कि तुम हमसे पूछो हम तुमसे पूछे इसी इसी में अपन अपना टाइम निकाल लेंगे। छब्बीस फ़ीसदी बढ़ गया भ्रष्टाचार अपने मध्य प्रदेश के मुखिया मामाजी लगातार चिल्ला चिल्ला कर भ्रष्टाचारियों को चेतावनी दे रहे हैं कि उनके राज में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ,वे भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए हैं,लेकिन उनके कहने से भ्रष्टाचारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता वे भी जानते हैं कि भ्रष्टाचार तो भारतीयों के खून में समा गया है और जो चीज खून में समा गई हो उससे निजात कैसे मिल सकती है ।अब देखो ना एक तरफ मामा जी जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं दूसरी तरफ लोकायुक्त की एक सालाना रिपोर्ट सामने आई है,उसमें बताया गया है कि प्रदेश में छब्बीस फीसदी भ्रष्टाचार बढ़ गया है । एक साल में ढाई सौ लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। मामा जी कुछ भी कहें लेकिन भ्रष्टाचार करने वाले अपने से बाज नहीं आने वाले, किसी भी दफ्तर में चले जाओ अगर बिना पैसे के काम हो जाए तो बंदा अपना सिर मुड़ाने तैयार है, अपना तो मामा जी से एक ही निवेदन है कि क्यों भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं आप उसे दुनिया की कोई भी ताकत खत्म नहीं कर सकती और कैसे करेगी जब हर मलाईदार पोस्टिंग के लिए ऊपर तक माल पहुंचाना पड़ता है तो नीचे वाला अपनी जेब से थोड़ी ना पैसे देगा, इसलिए जैसा चल रहा है चलने दो ,हो सकता है अगले वर्ष तक यह छब्बीस परसेंट बावन परसेंट तक पहुंच जाए। सुपरहिट ऑफ द वीक श्रीमती जी ने गुस्से में श्रीमान जी से कहा मैं रोज-रोज की किच किच से तंग आ चुकी है मुझे अभी इसी वक्त तलाक चाहिए ठीक है पहले ये केडबरी चॉकलेट तो खा लो क्या मुझे मना रहे हो श्रीमती जी ने रोमांटिक होते हुए पूछा नहीं पगली, मां कहती है अच्छा काम करने से पहले मीठा जरूर खाना चाहिए श्रीमान जी का उत्तर था। ईएमएस / 06 फरवरी 23