लेख
06-Feb-2023
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- आनन्द पुरोहित इन्दौर (ईएमएस)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुगालता हैं, कि वे फिर बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं, तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मुगालते में ताल ठोक दंभ से कह रहे कि ... बदलाव की बयार नया साल नई सरकार, उनको मुगालता है कि हमारी सरकार बन रही है शत प्रतिशत। ..... शिवराज सिंह चौहान को मुगालता यह भी है कि पार्टी फेस बदलने की इतनी आशंकाओं के बाद भी उनके ही नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव फेस करेगी क्योंकि बीजेपी हाइकमान का एक धड़ा इस मुगालते में है कि, शिवराज के फेस को ही प्रोजेक्ट कर बीजेपी बहुमत ले आएगी .... तो एक धड़ा एंटी इन्कबसीं की आशंका और पिछले चुनावों की न भूल पाने वाली अप्रत्याशित बड़बोलेपन की हार के साथ फेस चेंज का मुगालता पाले जीत की संभावना तलाश रहा है .... उधर कांग्रेस में फेस चेंज का लफड़ा ही नहीं है.... क्योंकि कमलनाथ को रिप्लेस करने के मुगालते में कोई नहीं है, और रही बात हाइकमान की,... तो कांग्रेसी अभी भी राहुल गांधी को ही अपना हाईकमान समझने का मुगालता लिए हुए है, हालांकि वहां मजबूरी भी है, क्योंकि कोई आप्शन भी तो नहीं है..... खड्गे साहब पता ही नहीं कहा खड़क रहे हैं,..?? राहुल गांधी इस मुगालते में कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में उमड़ी भीड़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताएंगी।..... मध्यप्रदेश के इन दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दलों और उनके शीर्ष नेताओं के मुगालतो के उलट मध्यप्रदेश के अपकमिंग विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की आप पार्टी, तो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सहित मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी और मध्यप्रदेश की अन्य छोटी बड़ी राज्य स्तरीय पार्टियों को भी उलटफेर कर सरकार बनाने या बनवाने की स्थिति में आने का मुगालता है।.... केजरीवाल की आप पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ कर गुजरने के मुगालते में अपनी प्रदेश इकाई को ही भंग कर दिया और उसे पुनर्गठित करने की एक्सरसाइज शुरू कर दी है, वो हाल ही में सम्पन्न हुए गुजरात चुनाव में अपनी दख़ल अंदाजी को मुगालते में अपनी सफलता मान रही है, और इसके चलते ही मध्यप्रदेश में भी बेहतर प्रदर्शन करने का मुगालता पाल रही है, और सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी..... तो अखिलेश यादव मुगालते में बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली महू से चौदह अप्रैल को हुंकार भरने की तैयारी में है, बयान जारी कर वे कह चुके हैं कि समाजवादी पार्टी मध्यप्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, शायद उन्हें यह भी मुगालता है कि उन्हें इतने केडींडेट आसानी से मिल जाएंगे। ...... मायावती अपने पुराने मोहरों को एक बार फिर चुनावी बिसात के काले सफेद घरों में जमाते हुए सरकार बनवाने में दखल अंदाजी का या सरकार बनाने वालो को प्रभावित करने का मुगालता देख रही है, वह कांग्रेस से नाराज़ मुस्लिम वोटों को अपनी और मिलाने के मुगालते में है, उसे सम्पूर्ण मध्यप्रदेश तो नहीं पर उत्तर प्रदेश से लगती बार्डर क्षेत्रों में बढ़त का मुगालता है।..... वहीं मध्य, मध्यप्रदेश में जयस तो छत्तीसगढ़ सीमा से लगे क्षेत्रों में, समाजवादी से पूर्व विधायक रहे सुनीलम दखल देते बहुमत का मुगालता पालने वालों के मुगालते को दूर करने का मुगालता पाले हुए हैं। ..... बचती गुजरात राजस्थान बार्डर तो जहां गुजरात बार्डर के आदिवासियों को बीजेपी संघ के जरिए साधने के मुगालते में निश्चित हो रही तो कांग्रेस अपने पुराने घिसेपिटे आदिवासी नेताओं को घिस घिसकर चमकाते खोये वर्चस्व प्राप्त करने के मुगालते में है । राजस्थान बार्डर पर कांग्रेस गेहलोत सरकार के चलते मुगालते में बेफिक्र तों भाजपा करणी सेना की फितरत से उंहापोह के मुगालते में है।..... दलीय नेताओं उम्मीदवारों के अलावा निर्दलीय भी बेतहाशा मुगालता पाले हुए हैं.... खत्म होते कांग्रेस के जनाधार और सत्ता के अहंकार में डूब बड़बोली होती बीजेपी .... के बीच स्थानीय मतदाताओं से अपने जीवंत सम्पर्क को आधार बना निर्दलीय भी नामांकन कर जीतने का मुगालता संजोए हुए है पिछली बार चार आए थे इस बार चालीस आ जाए तो कोई अजरज नहीं क्योंकि गत चुनाव में नोटा ने भी कई जीतने वाले नेताओं को उनकी हैसियत और अपनी अहमियत बताते हार चटवा उनके मुगालते दूर कर दिए थे और इस बार तो दोनों ही प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दलों में बागियों के मुगालते भी बुलंद हो रहे हैं। पार्टी और नेताओं से इतर मतदाता भी विधानसभा चुनाव में अच्छो अच्छो का मुगालता दूर करने का मुगालता पाले हुए हैं, पिछले चुनाव में भी शिवराज सिंह चौहान जो कि अपनी प्रदेश मामा वाली इमेज को भुनाते फिर आने के मुगालते में माई के लालों को भी चैलेंज दे गये थे, तब उनके मुगालते को बहुमत के बार्डर पर लाकर उन्हें पानी पिला दिया था,.... वहीं कांग्रेस को बहुमत की बार्डर जस्ट पार करा चार कदम पर ही रोक सरकार में बिठा उलटफेर का मुगालता पाल लिया था, लेकिन पाला बदल नेताओं ने मतदाताओं के उस मुगालते को पंद्रह महीने में ही दूर कर दिया था..... हालांकि मतदाता उसको भुला नहीं है, और इस बार फिर किस किस के मुगालते दूर करता है, वो तो इवीएम की बीप के बाद अंगुली की स्याही फीकी पड़ने के पहले पता चल ही जाएगा। और इन सबसे अलग मीडिया भी मुगालते में है, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव यदि तय समय पर हो तो तकरीबन आठ महीने बाकी हैं परन्तु कुछ मीडिया पर्सन लगे पड़े हैं अभी से जनता की नब्ज टटोलने कि आज चुनाव हो तो कौन जीतेगा, कुछेक तो सर्वे भी कर रहे अभी से, अब पता नहीं ये भाई लोग कौनसा मुगालता पाले हैं, करें मीडिया में है और इतनी समझ नहीं कि वर्तमान समय में एक इन्सिडेट पूरी कायनात पलटने का सबब बन सकता है, आठ महीने में तो कुछ भी अदला बदली हो सकती है पर मीडिया वालों को कौन समझाए कुछ लेनदेन का भी मुगालता हो सकता है, वहां तो खैर छोड़िए .... बाकी इस बार के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बात तो तय है कि, चुनाव के पहले भी और बाद में भी, कइयों के मुगालते दूर होने हैं ये पक्का है। हालांकि यह अपना मुगालता है। पुरोहित/पीएम/06 फरवरी 2023