लेख
07-Feb-2023
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शरीर को निरोग रखने के लिए योग और सूर्य नमस्कार किया जाता है। तन और मन खेल से प्रसन्न रहते हैं। निरोगी काया के लिए खेल से बड़ा कोई नुस्खा नहीं। आज के भौतिकवादी युग में खेल का हर .ष्टि से महत्व है। इससे एक और जहाँ प्रशंसा मिलती है वहीं युवाओं के भविष्य निर्धारण में भी मदद मिलती है। सरकार भी चाहती है कि मध्यप्रदेश खेल गतिविधियों के लिए देश भर में पहचाना जाये। खेलो इंडिया जैसे आयोजन इसी बात के सूचक हैं। एक दौर वह था जब क्रिकेट, हाकी खेलों तक ही लोगों की दिलचस्पी सीमित थी लेकिन अब बॉक्सिंग, शूटिंग, घुड़सवारी और बालिकाओं के आत्मरक्षार्थ जूडो कराटे जैसे खेलो में सभी की रोचकता बढ़ रही है। इन खेलो में हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक मेडल भी जीते हैं। याद दिलाना जरूरी है कि एक समय था जब बालिकाओं का खेल में भाग लेना असामान्य सा लगता था लेकिन लगातार मिले प्रोत्साहन के कारण आज ऐसा कोई खेल नहीं है जिसमें बालिकायें हिस्सा न लेती हों। बल्कि कई बार तो वे लड़कों से बेहतर प्रदर्शन भी करती हैं। मध्यप्रदेश में बेटियों की शिक्षा और खेल को प्रोत्साहन तथा आवश्यक सहयोग कर मध्यप्रदेश सरकार ने एक पुनीत और पावन कार्य किया है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान स्वयं खेल प्रेमी हैं। उनकी खेलो के प्रति रूचि और लगाव अक्सर उनके शब्दों में स्पष्ट व्यक्त होते हैं। वे चाहतें हैं कि प्रदेश के युवा विश्व स्तर पर खेलकर मध्यप्रदेश के लिए उपलब्धियां हासिल करें जिससे दुनिया में मध्यप्रदेश का नाम रोशन हो। वे प्रदेश के युवा खिलाड़ियों का आव्ह्ना करते हैं, कि आप तो खेल की चिंता करें, आपके भविष्य की चिंता मध्यप्रदेश सरकार करेगी। प्रसंगवश बता दें कि खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन पर सरकार उन्हें आथ्Zिाक मदद के साथ शासकीय नौकरी भी दे रही है। कई दिव्यांग युवा खिलाड़ियों को भी पुरस्.त कर शासकीय सेवाओं में पद दिया गया है। प्रदेश के खेलो के बजट में इजाफा कर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये कई शहरों और तहसीलों में स्टेडियम बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शब्दों में खेलो इंडिया के आयोजन से मध्यप्रदेश में खेलों की दिशा में नयी क्रांति आयेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस संकल्प के साथ मध्यप्रदेश को खेलो इंडिया यूथ गेम्स की जिम्मेदारी सौंपी है उसे मध्यप्रदेश पूरे उत्साह के साथ निभायेगा। हमारा प्रयास है कि मध्यप्रदेश के खिलाड़ी विश्व में बेहतर प्रदर्शन के लिए पहचाने जायें। देश के दिल मध्यप्रदेश में सम्पन्न हो रहे खेलो इंडिया आयोजन पर पूरे देश की नजर है। यह आयोजन नयी पीढ़ी के खिलाड़ियों की महत्वकांक्षा बढ़ायेगा, उनमें उत्साह का संचार करेगा इसमें कोई संदेह नहीं। स्मरण रहे कि हरियाणा के कुरु क्षेत्र में पिछली बार जब खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन हुआ था उसमें मध्यप्रदेश ने 12 स्वर्ण, 11 रजत और 15 कांस्य पदकों के साथ कुल 38 पदक हासिल कर आठवां स्थान प्राप्त किया था। हरियाणा से पहले खेलो इंडिया यूथ गेम्स दिल्ली, पुणे, गुवाहाटी और पंचकुला में सम्पन्न हो चुके हैं। मध्यप्रदेश के लोगों का सौभाग्य है कि इस बार यहाँ आठ शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, मण्डला, बालाघाट, महेश्वर सहित दिल्ली में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के अंतर्गत 27 खेल हो रहे हैं। खेल के इस महाकुंभ में आठ हजार से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या हमारे प्रदेश की बेटियों की भी है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पहली बार तलवारबाजी, कायाकिंग, कैनोइंग, कैनो स्लैलम, रोइंग खेलों को शामिल किया गया है। मलखंभ खेल का प्रदर्शन भी पहली बार होगा। मलखंभ मध्यप्रदेश का पारम्परिक तथा राज्य खेल है। भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम के डी.एस.वाई. डब्ल्यू हाल में 3 से 5 फरवरी तक एथलेटिक्स के 26 खिलाड़ी मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए पदकों के लिए मुकाबला कर रहे हैं। इसी हाल में 7 से 11 फरवरी तक कुश्ती के मुकाबलों में 21 खिलाड़ी भाग लेंगें। 1 से 4 फरवरी तक बॉक्सिंग और शूटिंग अकादमी में 1 से 6 फरवरी तक होने वाले मुकाबलों में मध्यप्रदेश के 7 खिलाड़ी निशाना साधेंगें। 6 से 10 फरवरी तक वेटलिफिटंग के मुकाबले भी होंगें। भोपाल के तरुण पुष्कर में 7 से 11 फरवरी तक तैराकी के 38 इवेंट में 544 प्रतिभागी हिस्सा लेंगें। खेलो के क्षेत्र में राज्य और केन्द्र सरकार कई योजनाओं के माध्यम से खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर रहीं हैं। मध्यप्रदेश ने हाकी, शूटिंग, सॉट टेनिस, कराटे, क्रिकेट, तैराकी, घुड़सवारी, टेबल टेनिस, सेलिंग, शतरंज जैसे अन्य खेलों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिये हैं। सरकार खिलाड़ियों को एकलव्य पुरस्कार, विक्रम अवार्ड, विश्वमित्र अवार्ड, लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड जैसे पुरस्कार से सम्मानित कर और शासकीय सेवाओं में पद देकर उनका हौसला बढ़ा रही है। ओलंपिक, पैरा ओलंपिक में भी मध्यप्रदेश के खिलाड़ी शामिल होकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने में योगदान दे रहे हैं। बेहतर कोच, आवश्यक संसाधनों और अच्छी सुविधाओं ने राज्य के खिलाड़ियों को ऐसा वातावरण दिया है जिससे वे खेलों में उत्.ष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश के लिए गौरव हासिल कर रहे हैं। यहाँ बता दें कि मध्यप्रदेश देश में सबसे अधिक एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान वाला एकमात्र प्रदेश है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हॉकी इंडिया लीग जैसे आयोजनों के माध्यम से हॉकी की पुरानी साख लौटाने का प्रयास किया है। मध्यप्रदेश में लगभग 11 खेल अकादमियाँ संचालित हैं। इनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रशिक्षण सुविधा, अधो संरचना और खेल संसाधन उपलब्ध हैं। खिलाड़ियों के लिये डाइटिशियन, न्यूट्रिशनिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, सायकोलॉजिस्ट और स्पोर्टस साइंस के उच्च स्तर के डाक्टर्स उपलब्ध हैं। ईएमएस / 07 फरवरी 23