राज्य
07-Feb-2023
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ग्वालियर (ईएमएस) ग्वालियर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में 9500 दर वाली लेकर 24 हजार प्रतिवर्ग मीटर की जमीन देने के मामले में 8 करोड़ के हुए नुकसान की भोपाल स्तरीय जांच बैठा दी गई है। लेकिन मामले में नया खुलासा हुआ है। जिसमें शिकायतकर्ता ने दिल्ली-भोपाल अनुसूचित जाति आयोग व राजधानी के टीएंडसीपी विभाग को पत्र लिखकर जांच के फेरे में आए आवंटन में आरक्षण नियमों के पालन न होने की पुन: शिकायत की है। साथ ही बताया है कि अधिकारियों ने आरक्षण निर्धारण किए बिना ही करोड़ों के प्लाट दे दिए है। ुदिल्ली-भोपाल अनुसूचित जाति आयोग व भोपाल टीएंडसीपी के संचालक को फरवरी में ग्वालियर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के पूर्व उपाध्यक्ष गोपीलाल भारतीय ने शिकायत की है। जिसमें बताया गया है कि शताब्दीपुरम योजना के फेस-4 के ए-ब्लॉक में अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति विरोधी मानसिकता के चलते हुए श्रीराम रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को 11 गुणा 18 वर्गमीटर साइज के लगभग 40 भूखंड दिसंबर 2022 में और जनवरी 2023 में अन्य सहित कुल तीन आदेशों पत्रों के द्वारा अनेक भूखंड दिए गए है। जिनमें शासन द्वारा अनुसूचित जाति को 10 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति को 15 प्रतिशत कुल 25 प्रतिशत भूखंड़ों का आवंटन आरक्षण करना होता है, लेकिन जीडीए में आवंटन नियमों की अनदेखी कर रोस्टर क्रमानुसार अथवा पर्ची डालकर उनका निर्धारण नहीं किया गया है और प्राधिकरण के सीईओ ने संस्थाओं के लिए भूखंड आरक्षित करना शुरू कर दिए हैं, जो नियमानुसार नहीं है। ऐसे में अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग शासकीय उपक्रम से मिलने वाले लाभ से वंचित हो गए है और उसके चलते जिम्मेदारों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होना चाहिए।