राष्ट्रीय
08-Feb-2023
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नई दिल्ली (ईएमएस)। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद मुश्किल में फंसे अडानी समूह के अच्छे दिन लौटने लगे हैं। शेयर बाजार में अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थम गया है। अब महाराष्ट्र सरकार ने अडानी ग्रुप को धारावी पुनर्विकास परियोजना को औपचारिक रूप से सौंपने की तैयारी कर ली है। महाराष्ट्र सरकार जल्द ही धारावी पुनर्विकास परियोजना को अडानी ग्रुप को सौंपने के लिए सरकारी संकल्प यानी जीआर जारी करेगी। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने मंगलवार को टीओआई को बताया कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही धारावी पुनर्विकास परियोजना को औपचारिक रूप से अडानी समूह को सौंपने के लिए जीआर जारी करने वाली है। उन्होंने कहा, जीआर जारी होने से पहले कुछ जरूरी चीजों पर काम किया जाना है। यह बहुत जल्द हो जाएगा। बता दें कि अडानी समूह परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाला था, जिसने अनुमानित 23,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। बोली के लिए आधार मूल्य 2018 में 3,150 करोड़ रुपये से घटाकर 2022 में 1,600 करोड़ रुपये कर दिया गया था। बता दें कि मुंबई धारावी को रिडेवलप करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने प्लान तैयार किया है। इसके तहत अडानी की कंपनी के साथ करार करके स्लम एरिया को संवारा जाएगा। इस प्रोजेक्ट से इस क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों को फायदा होगा। प्रोजेक्ट के तहत धारावी के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले योग्य लोगों को मुफ्त में घर मिल सकेगा। पिछले साल दिसंबर में, कैबिनेट ने समूह को परियोजना देने को मंजूरी दे दी थी, हालांकि दुबई स्थित सेकलिंक ग्रुप द्वारा दायर एक मामला जिसे परियोजना को रद्द करने को चुनौती दी गई थी, बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है। धारावी पुनर्विकास प्राधिकरण के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास के मुताबिक, पुनर्विकास परियोजना के लिए प्राधिकरण को सौंपी जाने वाली 47 एकड़ रेलवे भूमि का संयुक्त माप अंतिम चरण में है। राज्य सरकार ने 2019 में जमीन के लिए 800 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान किया था। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह जहां एक विवाद में फंस गया है। यह परियोजना 178 हेक्टेयर में लागू की जानी है, जिसे धारावी अधिसूचित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, इसके अलावा अन्य 62 हेक्टेयर है। अनुमानित 58,000 योग्य झुग्गी परिवार और इतनी ही संख्या में अपात्र परिवार हैं। पिछले साल सितंबर में राज्य सरकार द्वारा जारी एक जीआर में कहा गया था कि पुनर्वास सात साल में पूरा किया जाएगा। धारावी के पुनर्विकास की योजना पहली बार दो दशक पहले सामने आई थी। हालांकि, लंबे समय तक, परियोजना धरातल पर नहीं उतर पाई थी।