न्यूयॉर्क (ईएमएस)। अक्सर माना जाता है कि पोषक तत्वों की कमी गरीब देशों में ज्यादा होती है, लेकिन एक हालिया स्टडी में बेहद हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी से जूझ रही है। अमीर हों या गरीब, सभी देशों में पोषक तत्वों की कमी लोगों की सेहत को बर्बाद कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक नई स्टडी में पता चला है कि दुनिया के 60 फीसदी से ज्यादा लोग कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी और विटामिन ई समेत कई पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं। खास बात यह है कि यूरोपीय देशों में भी हालात बदतर मिले हैं। शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने 15 प्रमुख माइक्रोन्यूट्रिएंट्स कैल्शियम, आयोडीन, आयरन, राइबोफ्लेविन, फोलेट, जिंक, मैग्नीशियम, सेलेनियम, थायमिन, नियासिन और विटामिन ए, विटामिन बी6, विटामिन बी12, विटामिन सी और विटामिन ई के अनुमानित ग्लोबल कंजप्शन का एनालिसिस किया। इसमें हैरान करने वाली बातें सामने आईं। रिसर्चर्स ने बताया कि विश्व के 68प्रतिशत लोगों में आयोडीन की कमी, 67प्रतिशत लोगों में विटामिन-ई की कमी, 66 प्रतिशत लोगों में कैल्शियम की कमी और 65प्रतिशत लोगों में आयरन की कमी है। कैल्शियम का सेवन उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य एशिया में काफी कम देखने को मिला। विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या को राइबोफ्लेविन, फोलेट और विटामिन सी और विटामिन बी6 भी कम मात्रा में मिल रहे हैं। नियासिन की कमी केवल 22प्रतिशत लोगों में थी, जबकि थायमिन (30 प्रतिशत) और सेलेनियम (37 प्रतिशत) लोगों में जरूरत से कम था। खास बात यह है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आयोडीन, विटामिन बी12, आयरन और सेलेनियम की कमी ज्यादा पाई गई, तो कैल्शियम, नियासिन, थायमिन, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी6 की कमी पुरुषों में ज्यादा है। इन सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से थकावट, हड्डियों में दर्द, बालों का झड़ना और कमजोरी हो सकती है। इस रिसर्च का रिजल्ट लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में पब्लिश हुआ है। इस रिसर्च में शामिल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये परिणाम चिंताजनक हैं। सभी क्षेत्रों में अधिकांश लोग कई आवश्यक पोषक तत्वों की कमी का सामना कर रहे हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। अगर बॉडी में पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स नहीं पहुंचेगे, तो कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 03 सितंबर 2024