-राजा भैया की पत्नी भानवी के आरोपों पर एमएलसी अक्षय ने कसा तंज लखनऊ,(ईएमएस)। प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से विधायक राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह के द्वारा ईओडब्ल्यू का मुद्दा उठाने के मामले पर राजा भैया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने जवाब दिया है। भानवी सिंह ने अक्षय प्रताप की सीएम योगी से मुलाकात पर सोशल मीडिया पर कहा था कि जिन लोगों से आप मिल रहे हैं, उनके ऊपर मुकदमा दर्ज है और हमसे नहीं मिल रहे हैं, जबकि हमने कई बार आपके ऑफिस में संपर्क किया है। जनसत्ता दल के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने एक्स पर लिखा जिस ईओडब्ल्यू की बात आप कर रही हैं, उसको लिखे पत्र में आपकी मां आपके चरित्र का बखान कर रही हैं। अक्षय ने कहा कि आपकी मां मंजुला सिंह ने पत्र में लिखा है कि भानवी कुमारी सिंह से मैं रिश्ता तोड़ रही हूं क्योंकि वह मेरी संपत्ति हड़पने के लिए उन्हें प्रताड़ित करती हैं। आपकी मां ने कहा कि भानवी ने मेरा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया है। मेरी बेटी होते हुए ऐसा व्यवहार किया कि आज मैं आतंक और डर के साए में जी रही हूं। अक्षय ने आगे कहा कि आप अपने बारे में महिला अधिकारों की बात करती हैं। अपनी मां का उत्पीड़न करने वाली भानवी सिंह बताएं क्या उनकी मां महिला नहीं है। चंद रुपयों के लिए अपनी ही मां को मारने-पीटने में भी आपके हाथ नहीं कांप रहे हैं। एक विरोधी राजनीतिक दल के इशारे पर सीएम की छवि धूमिल मत करें. राजनीति में आने का चस्का है तो खुलकर मैदान में आएं पर्दे के पीछे से नहीं। इससे पहले राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह ने सीएम योगी से एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की बैठक की फोटो शेयर करते हुए कहा था कि जिन लोगों से सीएम साहब मिल रहे हैं, उनके ऊपर केस चल रहे हैं और मैं सीएम से मिलना चाहती हूं तो वह मिल नहीं रहे हैं और अधिकारियों ने अब तो नंबर भी ब्लॉक कर दिया है। उन्होंने कहा था कि जबसे मैं आपसे पहली बार मिली थी उसके बाद से अधिकारियों ने मेरा सहयोग करने के बजाय प्रतिकूल रुख अपना लिया। मेरे खिलाफ षड़यंत्र के तहत हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई और झूठे आरोप लगाकर मेरी बेटी को भी इसमें घसीटा गया है। आईओ की भूमिका के बारे में भी मैंने सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन न्याय नहीं मिला। सीएम को संबोधित करते हुए भानवी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप हम सबके मुखिया हैं। मैं एक महिला भी हूं और आपको पता है कि आज भी महिलाओं के लिए संघर्ष कई गुना ज्यादा है।