क्षेत्रीय
01-Oct-2024
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वाराणसी (ईएमएस)। भारत संचार निगम लिमिटेड बी( एस एन एल )आज 1अक्टूबर को अपना 25 स्थापना दिवस मना रहा हैं। लगभग दो दशक तक गुमनामी की जिंदगी बिताने के बाद अचानक ही बी एस एन एल सुर्खियों में आने लगा हैं। गुजरे दिनों इसके बुरे दौर थे, जब कि इसके अधिकांश अभियांत्रिकी सिस्टम कूड़े के भाव बिक गये और इसके अधिकांश भवन अन्य विभागों को किराये पर उठ गये। उस दौर में इसके अधिकांश अधिकारी/ कर्मचारी वी आर एस ले लिए। दूरसंचार के क्षेत्र में जीओ (JIO) का प्रभाव इतना बढ़ गया कि पब्लिक के बीच से दूरसंचार गायब सा हो गया। उन दिनों सरकार का रवैया भी इसके प्रति कुछ उदासीन सा था। वर्ष 20005 के आसपास तक इसके वैभव काल का मैं स्वयं साक्षी हूँ, जब लैंड लाइन कनेक्शन के लिए 6-6 माह तक लोगों को इंतजार करना होता था। इस समय बी एस एन एल नें शुरुआत अच्छी की है। विभाग नें दूरसंचार के क्षेत्र में भविष्य की कई क्रन्तिकारी योजनाओं को लॉन्च किया हैं। इधर बीच स्वछता के साथ -साथ बच्चों में भी कई प्रतियोगिताएं करा कर पुरस्कार इत्यादि वितरित किये गये हैं बी एस एन एल के मुख्य महा प्रबंधक ए के मिश्रा नें स्थापना दिवस पर सभी को बहुत-बहुत बधाइयां और शुभकामनाएं दी और कहा कि आज से बीएसएनल अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 24 वर्ष पूर्व के समय और आज के समय में बहुत परिवर्तन आ गया है। हम सभी लोग इन परिवर्तनों के तथा अच्छे -बुरे समय दोनों के साक्षी हैं। 24 सालों में हम सभी के पास पर्याप्त अनुभव है कि परिवर्तनों के साथ किस तरह से हमें अपने आप को बदलना है और समय के साथ चलना है। सरकार के स्तर पर जो सहयोग हमें चाहिए था, वह मिल चुका है।अब हम सब की बारी है कि इस अवसर का लाभ उठाते हुये हम लोग अपने समृद्ध अनुभव, प्रतिभा और श्रम के बल पर इस रजत जयंती वर्ष में बीएसएनल को और भी समृद्धि की ओर ले जाए। उत्तर प्रदेश पूर्वी परिमंडल वाराणसी का प्रदर्शन सभी क्षेत्रों में सदैव अग्रणी रहा है, परंतु मात्र परिमंडल में आगे होना पर्याप्त नहीं है। हम लोगों को अन्य परिमंडल के अपने समकक्ष अन्य बिजनेस एरिया के प्रदर्शन पर भी निगाह रखनी होगी और अपने आप को इस स्तर पर पहुंचना होगा कि किसी न किसी क्षेत्र में वाराणसी भी अखिल भारतीय स्तर पर अग्रणी रहे। राह कठिन है परंतु असंभव नहीं। जयशंकर प्रसाद जी के शब्दों में – वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों। नाविक की धैर्य कुशलता क्या, जब धाराएँ प्रतिकूल न हों। इस अवसर पर काशी संचार सन्देश स्मारिका का विमोचन एवं छात्राओं द्वारा केक कटवाया गया और सभी को शुभकामनायें दी गयी। डॉ नरसिंह राम/01/10/2024