विज्ञान लेखन एक विशेष प्रकार का लेखन है जिसे छात्रों की विज्ञान की समझ को बढ़ाने के लिए जांच-आधारित जांच में एकीकृत ज्ञान के बारे में लिखा जाता है।इसकी क़ोई उम्र नहीं है रिटायर होने पर भी लिख कर समय व्यतीत कर सकते हैं 60 की उम्र में कार्यस्थल आपको ख़त्म कर देता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने करियर के दौरान कितने सफल या शक्तिशाली थे, आप एक सामान्य व्यक्ति बनकर लौटेंगे। इसलिए, अपनी पिछली नौकरी की मानसिकता और श्रेष्ठता की भावना से चिपके न रहें, अपने अहंकार को त्यागें, अन्यथा आप सहजता की भावना खो सकते हैं! 70 की उम्र में समाज धीरे-धीरे आपको ख़त्म कर देता है। जिन मित्रों और सहकर्मियों से आप मिलते और मेलजोल रखते थे, वे कम हो गए हैं और आपके पूर्व कार्यस्थल पर शायद ही कोई आपको पहचानता हो। यह मत कहो, मैं हुआ करता था... या मैं कभी था... क्योंकि युवा पीढ़ी आपको नहीं जानती होगी, और आपको इसके बारे में असहज महसूस नहीं करना चाहिए! 80 की उम्र में परिवार धीरे-धीरे आपको ख़त्म कर देता है। भले ही आपके कई बच्चे और पोते-पोतियाँ हों, अधिकांश समय आप अपने जीवनसाथी के साथ या अकेले ही रहेंगे। जब आपके बच्चे कभी-कभार आते हैं, तो यह स्नेह की अभिव्यक्ति है, इसलिए उन्हें कम आने के लिए दोष न दें, क्योंकि वे अपने जीवन में व्यस्त हैं! 90 की उम्र में, पृथ्वी तुम्हें ख़त्म करना चाहती है। जिन लोगों को आप जानते थे उनमें से कुछ पहले ही हमेशा के लिए चले गए हैं। इस बिंदु पर, दुखी या शोकाकुल न हों, क्योंकि यही जीवन का मार्ग है, और हर कोई अंततः इसी मार्ग का अनुसरण करेगा! इसलिए, जबकि हमारा शरीर अभी भी सक्षम है, जीवन को भरपूर जियो! जो चाहो खाओ, जो चाहो पीओ, खेलो और वो काम करो जो तुम्हें पसंद है। याद रखें, एकमात्र चीज़ जो आपको ख़त्म नहीं करेगी वह है विज्ञान लेखन। सामान्य अर्थ संचार-माध्यमों के द्वारा गैर-वैज्ञानिक समाज को विज्ञान के विविध पहलुओं एवं विषयों के बारे में सूचना देना है। कभी-कभी यह काम व्यावसायिक वैज्ञानिकों द्वारा भी किया जाता है (तब इसे विज्ञान का लोकीकरण कहा जाता है।)। विज्ञान संचार अपने-आप में एक पेशेवर क्षेत्र बन चुका है।लेकिन कुछ लोग इसे एक पेशा व राजनीती करते हैं और जब कोई गुणवत्ता पूर्ण लेख अपनी पत्रिका में छापता है तो क़ोई अपने को बहुत बड़ा विज्ञान लेखक मानते हुए लेख को निकाले लाने पर क्रोधी हो जाता है लेकिन अपने लेख के बारे में नहीं देखता है विज्ञान लेखन स्वतंत्र है और विज्ञान की जानकारी प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है ऐसे में हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद मुंबई के द्वारा वैज्ञानिक पत्रिका बिना किसी भेदभाव के अच्छे विज्ञान के लेख प्रकाशित करती है जिसके संपादक जाने माने विज्ञान संचारक श्री राजेश कुमार मिश्र हैं जो पत्रिका को गुणवत्ता पूर्ण बना रहें हैं बधाई के पात्र हैं। ईएमएस / 01 अक्टूबर 24