बीजिंग(ईएमएस)। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते चौतरफा घिरता जा रहा है। नतीजा ये है कि कई देश मिलकर चीन की खिलाफत में उतर आए हैं। वे अपने अपने तरीके से चीन के लिए मुश्किले खड़ी कर रहे हैं। खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसका जिक्र चीन के 75वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के गठबंधन क्वॉड की गतिविधियों के कारण चीन को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस अवसर पर, उन्होंने कहा, आगे की राह आसान और सुगम्य नहीं होगी, इसमें कठिनाइयाँ और बाधाएँ आएँगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा और दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के साथ तनाव को लेकर शी ने कहा कि ये सभी कारक चीन के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों के चलते, फिलीपींस जैसे देशों के साथ तनाव बढ़ रहा है, जो अमेरिका का सैन्य समर्थन प्राप्त कर रहा है। वर्तमान में, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार वर्षों से अधिक समय से गतिरोध जारी है, हालाँकि दोनों देशों ने इस स्थिति को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता जारी रखी है। इस प्रकार, चीन को विभिन्न आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए शी जिनपिंग ने अपनी सरकार और जनता से एकजुट होकर आगे बढ़ने की अपील की। तियानमेन स्क्वायर पर आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। हालांकि, पिछले वर्षों की तरह कोई भव्य सैन्य परेड या उत्सव का आयोजन नहीं किया गया। शी ने लोगों को कठिन समय के लिए तैयार रहने का आह्वान किया और कहा कि शांति के समय में सतर्क रहना आवश्यक है। उनका यह भी कहना था कि कोई भी कठिनाई चीन के लोगों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। शी जिनपिंग ने अपने भाषण में ताइवान का उल्लेख करते हुए कहा कि ताइवान, चीन का क्षेत्र है और उसकी स्वतंत्रता का विरोध किया जाएगा। यह बयान ताइवान की राजनीतिक स्थिति को लेकर बीजिंग की स्पष्ट स्थिति को दर्शाता है। चीन की आर्थिक स्थिति को लेकर शी ने चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से रियल एस्टेट बाजार में मंदी के कारण। उन्होंने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए सुधारों और खुलापन बढ़ाने का संकल्प लिया। चीन की आर्थिक मंदी, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) जैसी वैश्विक रणनीतिक पहलों पर भी प्रभाव डाल रही है, जिसके अंतर्गत चीन ने कई छोटे देशों में भारी निवेश किया है। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 02 अक्टूबर 2024 --------------------------------------------------