रबात,(ईएमएस)। मोरक्को का रेगिस्तान दुनिया के सबसे सूखे स्थानों में से एक है, वह एक अप्रत्याशित परिवर्तन से गुजर रहा है। यहां 7-8 सितंबर को आए चक्रवाती तूफान से भारी बारिश हुई, जिससे सालभर से ज्यादा बारिश का आंकड़ा पार हो गया। इस भारी बारिश ने मोरक्को के रेगिस्तान में तबाही मचाई दी, जिससे कई लोगों ने इसे भगवान का प्रकोप बताया। हालांकि यह बारिश मोरक्को के लिए वरदान साबित हुई है। इस बारिश ने सहारा रेगिस्तान में हरियाली का एक नया रूप लाने का काम किया है। उत्तर-पश्चिम अफ्रीका में आए तूफान ने रेगिस्तान को तालाब बना दिया है। मीडिया रिपोर्ट में मोरक्को सरकार के मुताबिक सितंबर में दो दिन इतनी बारिश हुई कि एक साल का औसत बारिश का आंकड़ा पार हो गया। टाटा इलाके में अकेले 3.9 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। मोरक्को के मौसम विज्ञान ने कहा कि पिछले 30 से 50 सालों में इतनी बारिश कभी नहीं हुई। पिछले छह सालों से मोरक्को के ज्यादातर हिस्सों में सूखा पड़ा हुआ था, जिससे किसानों को खेतों को खाली छोड़ना पड़ा और पानी की राशनिंग करनी पड़ रही थी लेकिन अब इस बारिश ने रेगिस्तान के नीचे पानी का अंबार जमा हो गया है, जिससे न केवल किसानों बल्कि आम लोगों को भी राहत मिली है। सूखे रेगिस्तान अब पानी-पानी हो गए हैं। यहां चारों और हरियाली की चादर बिछी गई है। तालाबों के किनारे झाड़ियां और पेड़ उगने लगे हैं। इस परिवर्तन ने पर्यटकों को भी आकर्षित किया है। लोग दूर-दूर से यहां आ रहे हैं और कुदरत के इस करिश्मे को देख रहे हैं। इस प्रकार, मोरक्को का रेगिस्तान अब केवल सूखा क्षेत्र नहीं बल्कि यह एक जीवंत और हरित वातावरण में बदल गया है। यह घटना प्राकृतिक बदलाव का एक जीता जागती मिसाल है, जो बताती है कि कुदरत अपने करिश्में कैसे दिखाती है। बंजर भूमि को भी खेतिहर बना सकती है। सिराज/ईएमएस 11 अक्टूबर 2024