ज़रा हटके
10-Jan-2025
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जेनेवा (ईएमएस)। कोरोना माहमारी के बाद चीन में फिर सांसों से संबंधित बीमारियों का जो कोलाहल मचा है, उसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। उधर वैज्ञानिक भी कह रहे हैं कि अगली महामारी आने वाली है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बड़ा बयान दिया है। डॉ. सौम्या ने कहा है कि हाल ही में चीन को लेकर जो खबरें आई है, उससे यह चिंताजनक लग सकता है, लेकिन आपको यह याद रखना है कि सांसों से संबंधित वायरल बीमारी मौसमी होती हैं और सर्दियों में काफी होती हैं। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसे कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया आपको इसलिए नया लग सकता है क्योंकि आपने पहली बार सुना है और इसमें ब्रोकाइटिस या निमोनिया जैसे लक्षण होते हैं। डॉ. स्वामीनाथन ने बताया कि कोरोना के बाद संगठन ने इस तरह की बीमारियों पर निगरानी बढ़ा दी है। इस कारण अब इस तरह की बीमारियों की जांच होने लगी है। इसकारण इस तरह की नई-नई बीमारियों की पहचान होने लगी है। हालांकि इसका मतलब यह कतई नहीं है कि नए वायरसों में अचानक वृद्धि हुई है। डॉ.स्वामीनाथन ने बताया कि उभरते वायरसों का जोखिम अभी भी महत्वपूर्ण बना हुआ है। हम रोजाना ऐसी खबरें सुनते हैं, जिसमें जंगली जानवर जैसे बाइसन, बाघ और हाथी इंसान के आवासों में प्रवेश करते हैं। अवैध वन्यजीव व्यापार भी विभिन्न प्रजातियों के बीच वायरस के फैलने को बढ़ावा देता है। चीन के वुहान जैसे बाजार जानवर से इंसान में वायरस के संक्रमण का जोखिम बढ़ा रहे हैं। आमतौर पर एक मामले में यह रुक जाता है लेकिन एक भी म्यूटेशन हुआ, तब यह इंफेक्शन की दर को बढ़ा सकते हैं। आजकल जिस तरह से एक देश से दूसरे देश की यात्रा जल्दी-जल्दी हो रही है, उस स्थिति में नया वायरस दुनिया भर में फैल सकता है। डॉ. स्वामीनाथन ने बताया कि वायरस का जो फैलाव हो रहा है, उसपर संगठन बारीकी से नजर रख रहा है। डब्ल्यूएचओ जैसी कई संगठनें इन चीजों पर निगरानी रख रही है। हालांकि किसी भी संगठन ने अब तक कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। चीन से भी कोई चेतावनी या अलर्ट नहीं है। इसलिए हम फिलहाल, यह कह सकते हैं कि चिंता की कोई बात नहीं है। आशीष/ईएमएस 10 जनवरी 2025