ज़रा हटके
04-Feb-2025
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लंदन (ईएमएस)। लगातार इंफ्लामेशन (सूजन) के कारण बदन दर्द, स्किन की परेशानियां और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यह गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और मोटापे का कारण बन सकता है। हालांकि, सही आहार के द्वारा इस इंफ्लामेशन को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन हमारी रोज़ की आदतें इस समस्या को बढ़ा भी सकती हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, खाने के दौरान टीवी देखना, व्हाट्सएप चलाना या सोशल मीडिया का इस्तेमाल शरीर में इंफ्लामेशन को बढ़ाता है। इसलिए, खाने के समय इन सभी गतिविधियों से बचना चाहिए, क्योंकि ये कोशिकाओं में इंफ्लामेशन को उत्पन्न कर सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर अक्सर एंटी-इंफ्लामेटरी फूड्स का सेवन करने की सलाह देते हैं। हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, सीड्स, हल्दी और चुकंदर जैसे खाद्य पदार्थ इंफ्लामेशन को कम करने में मदद करते हैं। इन खाद्य पदार्थों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन को घटाते हैं। इसके अलावा, केवल एंटी-इंफ्लामेटरी डाइट से इंफ्लामेशन पूरी तरह से समाप्त नहीं हो सकता। इसके लिए आपको कुछ अन्य बदलाव भी करने होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि साबुत अनाज, हेल्दी फैट्स, फाइबर, और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। साथ ही, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा चीनी, नमक और अनहेल्दी फैट से बचना चाहिए। तनाव भी शरीर में इंफ्लामेशन को बढ़ाता है। सी वी एश्वर्या के अनुसार, तनाव के दौरान शरीर में सूजन की समस्या और बढ़ जाती है। इसलिये, तनाव को नियंत्रित करना आवश्यक है, और इसके लिए योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करना लाभकारी होता है। तनाव को दूर करने के लिए दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करना भी फायदेमंद साबित हो सकता है। इस प्रकार, सही आहार और जीवनशैली में बदलाव करके हम इंफ्लामेशन को नियंत्रित कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, शरीर में इंफ्लामेशन (सूजन) तब उत्पन्न होती है जब कोशिकाओं के अंदर कोई समस्या या आक्रमण होता है, जैसे कि बुखार या बाहरी सूक्ष्मजीवों का हमला। इस इंफ्लामेशन का उद्देश्य शरीर को ठीक करना होता है, लेकिन जब यह लंबे समय तक रहता है तो यह नुकसानदायक हो सकता है। सुदामा/ईएमएस 04 फरवरी 2025