* 35.16 गीगावाट की इन्स्टॉलेशन क्षमता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर माइलस्टोन स्थापित किया अहमदाबाद (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने नवीकरणीय ऊर्जा यानी रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) इन्स्टॉलेशन में महत्वपूर्ण माइलस्टोन हासिल किया है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के डेटा के अनुसार 30 अप्रैल 2025 तक नवीकरणीय ऊर्जा में गुजरात की कुल स्थापित क्षमता 35.16 गीगावाट है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि यह दर्शाती है कि टिकाऊ विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) एवं स्वच्छ ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) के लक्ष्य के साथ गुजरात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के विजन को साकार करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। भारत की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में गुजरात का योगदान 15.72 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में गुजरात के प्रभावशाली प्रदर्शन की बात करें, तो राज्य की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 35.16 गीगावाट है; जो देश में सर्वाधिक है। इसके अतिरिक्त; गुजरात स्थापित पवन ऊर्जा (विंड एनर्जी) क्षमता में भी पहले स्थान पर है, जो 13.51 गीगावाट की है। स्थापित सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) क्षमता में राज्य 16.42 गीगावाट के साथ दूसरे क्रम पर एवं रूफटॉप सोलर इन्स्टॉलेशन में 5.31 गीगावाट क्षमता के साथ पहले क्रम पर है। उल्लेखनीय है कि भारत की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में गुजरात का योगदान 15.72 प्रतिशत है। गुजरात के नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में पवन, सौर, हाइड्रोपावर (छोटे व बड़े) तथा बायोएनर्जी शामिल हैं। कुल 35.16 गीगावाट क्षमता में 13,514.68 मेगावाट पवन ऊर्जा, 19,421.8 मेगावाट सौर ऊर्जा, 106.64 मेगावाट स्मॉल हाइड्रो, 1,990 मेगावाट लार्ज हाइड्रो तथा 129.85 मेगावाट जैव ऊर्जा स्रोतों से आती है। ऊर्जा संग्रह एवं पावर ग्रिड को मजबूत बनाने में अग्रसर गुजरात गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) ऊर्जा संग्रह को प्रोत्साहन देने में नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड के साथ आसानी से जोड़ने में मुख्य भूमिका निभा रहा है। जीयूवीएनएल ने 1,192 मेगावाट/4,777 मेगावाट-घण्टा की कुल संचित क्षमता के साथ बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स (बीईएसएस) के लिए एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्य 32 गीगावाट से अधिक की अनुमानित क्षमता के साथ पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स पर भी विचार कर रहा है। इस रणनीति अंतर्गत एक मुख्य इनोवेशन कच्छ लिग्नाइट थर्मल पावर स्टेशन (केएलटीपीएस) में 57 मेगावाट-घण्टा बीईएसएस के साथ 35 मेगावाट पीवी प्रोजेक्ट है। यह प्रोजेक्ट सौर ऊर्जा एवं ग्रिड विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए मौजूदा ढाँचागत सुविधाओं तथा भूमि का उपयोग करता है, जो स्वच्छ ऊर्जा संबंधी गुजरात का भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण दर्शाता है। स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा औद्योगिक टिकाऊपन को मिला प्रोत्साहन वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान गुजरात ने नवीकरणीय स्रोतों द्वारा लगभग 32,790 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली का उत्पादन किया था, जो राज्य के कुल 1,46,467 एमयू विद्युत उपभोग का 22 प्रतिशत से भी अधिक है। यह दर्शाता है कि गुजरात स्वच्छ ऊर्जा को तेजी से अपना रहा है तथा टिकाऊ बिजली प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी समयावधि के दौरान राज्य ने 5.9 गीगावाट से अधिक नई रिन्यूएनबल एनर्जी कैपिसिटी जोड़ी है और कुल क्षमता 27.46 गीगावाट से बढ़कर 33.39 गीगावाट हुई है। इसमें सौर ऊर्जा से 4.95 गीगावाट तथा पवन ऊर्जा से 954.76 मेगावाट क्षमता शामिल है। जीयूवीएनएल के प्रयास गुजरात के औद्योगिक केन्द्रों तथा जीआईडीसी एस्टेट के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक सस्ता व सुलभ बना रहे हैं, जो सस्टेनेबिलिटी को प्रोत्साहन देने के साथ कार्यक्षमता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। दूरदर्शी नेतृत्व, स्पष्ट नीतियों तथा मजबूत ढाँचागत सुविधाओं के साथ गुजरात स्वच्छ एवं भविष्य के लिए तैयार ऊर्जा इकोसिस्टम के निर्माण में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रसर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्पष्ट नीति-निर्देशों एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में बुनियादी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर गुजरात ने स्वयं को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा विकास के इंजन के रूप में स्थापित किया है। गुजरात स्केल, नवीनता तथा समावेशिता को जोड़कर उद्योगों तथा समुदायों; दोनों को मजबूत बना रहा है और साथ में भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों व विकसित भारत के व्यापक दृष्टिकोण को भी समर्थन दे रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गुजरात द्वारा हासिल की गई उपलब्धि अन्य राज्यों के लिए उदाहरणीय बनी है। सतीश/22 मई
processing please wait...