राज्य
17-Jul-2025
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नोटिस न्यायोचित नहीं, वापस ले लेना चाहिए-डॉ. महंत कोरबा (ईएमएस) छत्तीसगढ़ प्रदेश के राज्यपाल महामहिम रमेन डेका के कोरबा प्रवास के दौरान उनसे मिलने पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कोरबा-पश्चिम क्षेत्र स्थित एनटीपीसी के विभागीय कावेरी विश्रामगृह पहुंचे थे। जहां उन्होंने एक ज्ञापन महामहिम राज्यपाल को सौंपा। ज्ञापन सौंपते वक्त श्री कंवर खड़े थे और राज्यपाल के बगल में कोरबा जिला कलेक्टर बैठे नजर आ रहे थे, कोरबा-पश्चिम क्षेत्र स्थित एनटीपीसी के विभागीय कावेरी विश्रामगृह ऐसी फोटो निकलकर जब बाहर आई। तब इस फोटो के बाहर आने पर प्रदेश के पूर्वमंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इसे पीड़ाजनक बताते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया। इस पोस्ट के बाद कोरबा जिला कलेक्टर पत्र भेजकर उक्त वाइरल पोस्ट को तत्काल डिलीट करने निर्देशित किया। साथ ही इसे दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रचारित प्रसारित करना बताया, उक्त नोटिस के सार्वजनिक होने के बाद बवाल मच गया है। इस पर पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि फोटो देखकर हमने अपनी पीड़ा जाहिर की है। वरिष्ठ आदिवासी नेता के प्रति इस तरह का व्यवहार अपमानित करने वाला है। कोरबा जिला कलेक्टर पहले यह जांच कराएं कि यह फोटो बाहर कैसे आई। जहां तक फोटो डिलीट करने की बात है तो वह डिलीट नहीं होगी। कलेक्टर को नोटिस का जवाब देंगे। इस बढ़ती गहमागहमी के बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को कोरबा कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस न्यायोचित नहीं है। ननकी राम कंवर का जो फोटो वायरल हुआ है, उस पर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की प्रतिक्रिया गलत नहीं है। कलेक्टर ने अपने नोटिस में जो निर्देश दिया है उसे उन्हें वापस ले लेना चाहिए। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि जयसिंह अग्रवाल की प्रतिक्रिया गलत नहीं है, मैं राज्यपाल को ज्ञापन देने गया था। उस समय कलेक्टर का उनके बगल में बैठे रहना अनुचित था। तब राज्यपाल ने कलेक्टर को बाहर जाने कह दिया। जयसिंह अग्रवाल को नोटिस पर उन्होंने कहा कि जब इस तरह की गलती होती है तो राजनीतिक व्यक्ति कमेंट करेंगे। इस मामले में कोरबा जिला कलेक्टर का कहना है कि जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है। अगर किसी व्यक्ति के कार्य या शब्दों से कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका रहती है तो उसे नोटिस जारी किया जाता है। इसी के तहत यह कार्यवाही की गई है। 17 जुलाई / मित्तल