- 70 प्रतिशत लोगों को होगा फायदा- मुख्यमंत्री फडणवीस - अब कृषि क्षेत्र में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएँगे मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में औद्योगिक बिजली की दरें अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम होंगी। पिछली टैरिफ याचिका में आवासीय उपभोक्ताओं पर बोझ डालकर औद्योगिक और वाणिज्यिक दरों में कमी की गई थी। इस पर आपत्तियों के चलते सभी श्रेणियों की दरें कम कर दी गई हैं। राज्य में 70 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं जो 100 यूनिट से कम बिजली का उपयोग करते हैं और उन्हें 26 प्रतिशत टैरिफ में कमी मिलेगी, यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद को दी। विधायक अभिजीत वंजारी ने प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि बिजली की दरें कम करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, जबकि विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने औद्योगिक बिजली दरों के साथ-साथ किसानों को दी जा रही बिजली दरों का मुद्दा उठाया और इस ओर ध्यान आकर्षित किया कि पुराने बिजली मीटर बंद होने के बाद भी किसानों को लाखों के बिल मिल रहे हैं। चूँकि बिजली मेरिट ऑर्डर डिस्पैच पद्धति से खरीदी जाएगी, इसलिए निजी कंपनियों से सस्ती दरों पर बिजली खरीदी जाती है। सौर, पवन और बैटरी स्टोरेज के इस्तेमाल से बिजली खरीदने की लागत में काफ़ी कमी आई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चूँकि ये अनुबंध 25 साल के लिए हैं, इसलिए बिजली की दरें स्थिर रहेंगी। नए टैरिफ के अनुसार, महाराष्ट्र के लिए वर्तमान दर 8.32 रुपये है, जो अगले चरण में घटकर 7.38 रुपये हो जाएगी। टैरिफ ट्रू-अप प्रक्रिया के कारण बिजली की दरें नहीं बढ़ेंगी। - अब कृषि क्षेत्र में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएँगे किसानों को उनकी ज़रूरत के अनुसार 10 एचपी हॉर्सपावर के सोलर पंप उपलब्ध कराने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर और बिजली की खपत को नियंत्रित करने के लिए कृषि क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाए जाएँगे। इससे यह समझना संभव होगा कि कृषि में कितनी बिजली का उपयोग होता है और भविष्य की नीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी। संजय/संतोष झा- १७ जुलाई/२०२५/ईएमएस