-अनुभवी पेशेवरों ने कहा- एआई से नौकरी बाजार में आएगा संतुलन नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश के सबसे बड़े रोजगार पोर्टल नौकरी डॉट कॉम की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी हुई है जिससे पता चलता है कि नौकरी खोजने वाले हर आयु वर्ग के हर तीन में से एक शख्स को एआई के कारण नौकरी खोने का भय है, जबकि ज्यादातर लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। पहली बार नौकरी की तलाश कर रहे हर तीन में एक का मानना है कि एआई के कारण ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। इसके विपरीत, अनुभवी पेशेवरों को लगता है कि एआई के आने से नौकरी बाजार में संतुलन आएगा यानी जितनी नई नौकरियां पैदा होंगी शायद उतनी ही चली भी जाएंगी। यह सर्वेक्षण आठ शहरों के 20 से ज्यादा उद्योगों में 60 हजार से ज्यादा नौकरी चाहने वाले लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। इसके अलावा सर्वेक्षण में नौकरी प्लेटफॉर्म पर हजारों नौकरी पोस्टिंग से भर्ती करने वालों की राय और आंकड़े भी शामिल किए गए हैं। खास बात है कि एआई के प्रति भारत का नजरिया अमेरिका के विपरीत ज्यादा आशावादी है। अमेरिका में गैलप के शोध से पता चलता है कि वहां के करीब 75 फीसदी पेशेवरों को लगता है कि एआई से अगले दशक में नौकरी के अवसर कम हो जाएंगे। भारत भले ही एआई के प्रति आशावादी है लेकिन इसमें कुछ चिंताएं भी हैं। 15 लाख से ज्यादा वेतन वाले करीब 40 फीसदी वरिष्ठ अधिकारियों को लगता है कि एआई के कारण रचनात्मकता में कमी आई है। यह स्थिति विज्ञापन ऐंड मार्केटिंग, एनीमेशन ऐंड वीएफएक्स, फिल्म एवं संगीत और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे रचनात्मक उद्योग माने जाने वाले क्षेत्रों में ज्यादा स्पष्ट तौर पर दिखता है। इसके अलावा एक करोड़ रुपए या उससे ज्यादा के वेतन वाले 38 फीसदी लोगों को साल 2030 तक नौकरी छूटने का डर सताता है। सर्वेक्षण ने एआई के प्रभाव के बारे में कई संशय दूर किए हैं। उदाहरण के लिए सिर्फ 13 फीसदी नियोक्ताओं को लगता है कि एआई के कारण नौकरी जा सकती है। इस साल अप्रैल से जून के बीच मशीन लर्निंग (एमएल) इंजीनियरों के लिए नौकरी के अवसर पिछले साल की इस अवधि के मुकाबले दोगुना बढ़े हैं। सर्च इंजीनियरों के लिए नौकरी में 62 फीसदी इजाफा हुआ है, जबकि डेटा साइंटिस्ट की भूमिकाओं के लिए 30 फीसदी और साइबर सुरक्षा के जानकार की भूमिका के लिए 28 फीसदी नौकरियां बढ़ी हैं। दूसरी ओर, मोबाइल ऐप डेवलपमेंट, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, फ्रंट एंड डेवलपमेंट और व्हाइट बॉक्स टेस्टिंग जैसी भूमिकाओं में नौकरी के अवसर में तेज आई है। माना जा रहा है कि एआई/मशीन लर्निंग में नौकरी की वृद्धि महज प्रचार भर है और आंकड़ों से इसका पता नहीं चलता है। नौकरी डॉट कॉम ने इस साल अप्रैल से जून के बीच एआई और मशीन लर्निंग से जुड़ी 35 हजार नौकरियों को सूचीबद्ध किया, जो एक साल पहले के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा है। वहीं, गैर एआई और मशीन लर्निंग से जुड़ी नौकरियों में सिर्फ 8 फीसदी का इजाफा हुआ है। इनमें से 1500 एआई और मशीन लर्निंग से जुड़ी भूमिकाएं इंदौर, कोयंबत्तूर और कोच्चि जैसे मझोले शहरों से आई हैं। सिराज/ईएमएस 19 जुलाई 2025