-मासूमों के लिए खिलौने व उपहार लेकर इजराइल से भारत आए ड्रोर बेंगलुरु,(ईएमएस)। इजराइली संगीतकार ड्रोर गोल्डस्टीन जब पिछले हफ्ते भारत पहुंचे तो उनके बैग में सिर्फ कपड़े और जरूरी सामान ही नहीं थे, बल्कि उसमें उनकी दो मासूम बेटियों प्रेमा (6) और आमा (4) के लिए खिलौने और उपहार भी थे। उन्हें उम्मीद थी कि वे जल्द ही अपनी बेटियों से मिलेंगे। दोनों हाल ही में कर्नाटक के गोकर्ण के पास एक गुफा में रूसी मूल की मां नीना कुटिना के साथ मिली थीं, लेकिन हकीकत में ड्रोर को कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 11 जुलाई को रामतीर्थ पहाड़ियों पर हुए एक छोटे से भूस्खलन के बाद जब पुलिस क्षेत्र का निरीक्षण कर रही थी, तभी उन्हें एक गुफा में नीना और दोनों बच्चियां मिलीं। वे वहां पिछले तीन हफ्तों से एकांतवास में रह रही थीं। ड्रोर को जैसे ही खबर मिली वे तुरंत भारत आ गए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि वे एक गुफा में रह रही हैं। जब तक मैं वहां पहुंचा, वे पहले ही वहां से जा चुकी थीं। बता दें नीना एक रूसी नागरिक हैं। 2017 से भारत में रह रही हैं। पहले बिजनेस वीजा पर आईं, फिर 2018 में नेपाल गईं और उसके बाद गोकर्ण के जंगलों में एकांत जीवन जीने का फैसला लिया। ड्रोर और नीना की मुलाकात गोवा में हुई थी, जहां वे कई सालों तक एक साथ रहे। हालांकि बाद में उनका संबंध खत्म हो गया, फिर भी ड्रोर हर छह महीने में बच्चों से मिलने भारत आते थे। ड्रोर ने कहा कि नीना को प्रकृति से गहरा लगाव है और वह उनके जीवन के चुनावों का सम्मान करते हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि वह इतने लंबे सफर के बाद यहां पहुंचा हैं, लेकिन बिना एफआरआरओ की अनुमति के मुझे मिलने नहीं दिया गया। अब ड्रोर बेंगलुरु में हैं, यहां उन्होंने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि उन्हें अपनी बेटियों से मिलने की अनुमति मिल सके। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे बेटियों को इजराइल वापस ले जाना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि जरूर चाहता हूं, लेकिन अभी इजराइल की स्थिति युद्ध के कारण बहुत जटिल है। सबसे जरूरी बात यह है कि वह नीना की सहमति के बिना कभी भी बच्चियों को नहीं ले जाएंगे। जो भी फैसला नीना लेंगी, वह उसका सम्मान करेंगे। सिराज/ईएमएस 19जुलाई25