19-Jul-2025


लखनऊ (ईएमएस)। राज्य सरकार प्रदेशवासियों को विषमुक्त अन्न, दूध, फल व सब्जियां उपलब्ध कराने की दिशा में बड़े स्तर पर अभियान शुरू करने जा रही है। इसके तहत एक करोड़ से अधिक किसानों को गो आधारित खेती से जोड़कर न केवल उनकी आमदनी बढ़ाई जाएगी, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में भी क्रांतिकारी बदलाव किए जाएंगे। योगी सरकार का यह कदम केवल खेती और किसानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई देगा। रासायनिक अन्न और उत्पादों के सेवन से कैंसर, थायराइड, बांझपन, मानसिक असंतुलन, हार्माेनल गड़बड़ियां और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से फैलती हैं। जैविक खेती से उत्पन्न विषमुक्त अन्न और उत्पादों के सेवन से इन बीमारियों से प्रभावी बचाव हो सकेगा। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पहली बार प्रदेश में गांव-गांव अभियान चलाने की तैयारी की गई है। इस अभियान के माध्यम से करीब एक करोड़ से अधिक किसान परिवारों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। किसानों को गो आधारित खेती से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण, संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम-ऊर्जा मॉडल को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की आधारशिला के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस मॉडल के अंतर्गत हर गांव में गोशालाओं के माध्यम से बायोगैस, वर्मीकम्पोस्ट, जीवामृत, घनजीवामृत आदि का उत्पादन कर खेतों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे किसानों की रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता घटेगी। रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के महंगे विकल्पों के स्थान पर जीवामृत, घनजीवामृत और वर्मीकम्पोस्ट जैसे जैविक विकल्पों को अपनाकर किसान प्रति एकड़ 10 से 12 हजार रुपये तक की बचत कर सकेंगे। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। यही नहीं, यह मॉडल मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखेगा। जितेन्द्र 19 जुलाई 2025