मप्र के 16 जिलों में बाढ़ का खतरा नई दिल्ली(ईएमएस)। बंगाल की खाड़ी में डिप्रेशन सिस्टम एक्टिव होने से राजस्थान के 6 जिले- जोधपुर, नागौर, पाली, अजमेर, सिरोही, जालोर में भारी बारिश हो रही है। शनिवार को अजमेर और टोंक में बाढ़ जैसे हालात हैं। कई इलाकों में पानी भर गया है। शनिवार को कोटा, बारां, झालावाड़, अजमेर, बूंदी, राजसमंद और नागौर के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। अजमेर के दरगाह बाजार इलाके में शुक्रवार की रात तेज बारिश से कई लोग बह गए। वहीं मप्र में ग्वालियर, छतरपुर, पन्ना समेत 16 जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। राजस्थान में मानसून के इस सीजन में अब तक औसत से 109 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। राजसमंद में तालाब फूटने (बांध टूटने) से 3 स्कूली बच्चों सहित 7 लोग पानी के बहाव में फंस गए। जोधपुर के अरना-झरना क्षेत्र में डूबने से युवक की मौत हो गई। सीकर में 13 साल के बच्चे की डूबने से मौत हो गई। राजस्थान में बारिश से हुए हादसों में बीते चार दिन में 23 लोगों की जान गई है। मप्र में भी बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से शनिवार को ग्वालियर, छतरपुर, पन्ना समेत 16 जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। शिवपुरी में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा मुरैना, श्योपुर समेत 14 जिलों में शनिवार को 4 इंच से ज्यादा बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश में भी नदी-नाले उफान पर हैं। काशी में गंगा के साथ वरुणा नदी में बाढ़ आ गई है। इसके किनारे डेंजर जोन में आने वाले करीब 30 हजार घरों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बाढ़ का पानी आने से पहले ही लोगों ने पलायन की तैयारी शुरू दी है। इस सीजन में देशभर में अब तक सामान्य से 9 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। हरियाणा, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव बहुत ज्यादा बारिश वाले राज्य हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून से 16 जुलाई तक देश में 331.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह सामान्य 304.2 एमएम से करीब 9 प्रतिशत ज्यादा है। विनोद उपाध्याय / 19 जुलाई, 2025