- मुंबई में छांगुर बाबा ने रुनवाल ग्रीन्स नामक एक परिसर खरीदा मुंबई, (ईएमएस)। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का अवैध कारोबार का नेटवर्क देश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह खुलासा हुआ है। ईडी ने मुंबई से पनामा तक फैले मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। ईडी द्वारा की जा रही जांच से पता चला है कि छांगुर बाबा को विदेशों से बड़ी मात्रा में धन प्राप्त हुआ था। इस धन का उपयोग देश में लोगों का धर्मांतरण करने तथा अवैध संपत्ति खरीदने के लिए किया गया। ईडी को छांगुर बाबा और उनके करीबी सहयोगियों के 22 बैंक खातों की जांच में 60 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। खातों में संदिग्ध लेनदेन की एक बड़ी सूची मिली है, जिसका स्रोत और उद्देश्य संदिग्ध है। मुंबई में छांगुर बाबा ने रुनवाल ग्रीन्स नामक एक परिसर खरीदा था। ईडी को संदेह है कि यह लेनदेन अवैध फंडिंग से प्राप्त धन से किया गया था। इस लेनदेन से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि छांगुर बाबा का संबंध पनामा स्थित लोगोस मरीन नामक कंपनी से है। ईडी ने इस कंपनी के दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं, जिससे संदेह पैदा होता है कि मनी लॉन्ड्रिंग का नेटवर्क विदेशों में भी संचालित हो रहा है। ईडी ने लखनऊ के सुभाष नगर स्थित आस्वी बुटीक की भी तलाशी ली है। जांच से पता चला है कि बुटीक का इस्तेमाल अवैध संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों को छिपाने के लिए किया जाता था। यहां से छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क से जुड़ी कई संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। बुटीक फिलहाल सील कर दिया गया है। ईडी ने अपनी जांच में नवीन रोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को भी इस मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का अहम हिस्सा माना है। ये दोनों संदिग्ध लेन-देन और संपत्ति के लेन-देन में छांगुर बाबा की मदद कर रहे थे। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है। ईडी के पास छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क के खिलाफ काफी सबूत हैं। अब इन साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। संजय/संतोष झा- २० जुलाई/२०२५/ईएमएस