-नाकाबंदी हटाने के बाद भी इजराइल खाद्य सहायता पर पाबंदियां जारी रखीं गाजा,(ईएमएस)। गाजा में खाने की तलाश में निकले फलस्तीनी नागरिकों पर शनिवार तड़के इज़राइली सैनिकों ने गोलियां बरसाईं, जिसमें कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई। ये घटना गाजा के दक्षिणी हिस्से खान यूनुस और रफा के पास हुई, जहां लोग अमेरिका और इजराइल समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन की मदद केंद्रों पर खाना लेने पहुंचे थे। रात के अंधेरे में इजराइली सैनिकों ने भूखे लोगों की ज़िंदगियों पर कहर बरसा दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक गोलीबारी उस वक्त शुरू हुई जब लोग खाना लेने वहां गए थे, जहां पहले ही चेतावनी दी जा चुकी थी कि सुबह से पहले न आएं। बावजूद इसके भूख से बेहाल लोगों की भीड़ वहां पहुंच गई और उसके बाद जो हुआ, उससे पूरी दुनिया हैरान और दुखी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक चश्मदीद ने बताया कि वह सब पैदल चल रहे थे, तभी इजराइली टैंकों और ड्रोन से उन लोगों पर फायरिंग की गई। एक अन्य शख्स ने बताया कि फायरिंग सुबह 5 से 6 बजे के बीच हुई। इजराइली सेना ने खाना लेने आए लोगों को चारों तरफ से घेर लिया था, कोई भाग नहीं सकता था। खान यूनुस के नासिर अस्पताल में 25 शव लाए गए। वहीं रफा के पास शकूश इलाके में 7 और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अस्पताल में दवाइयों की भारी कमी है। वहीं जीएचएफ GHF ने कहा कि घटना उनकी साइट्स के पास नहीं हुई और उन्होंने पहले ही लोगों से रात में आने से मना किया था। वहीं इजरायली सेना का कहना है कि चेतावनी देने के बाद उन्होंने गोलियां चलाईं, लेकिन उन्होंने जगह का जिक्र नहीं किया। बता दें अक्टूबर 2023 में हमास की ओर से इजराइल पर हमले के बाद यह युद्ध शुरू हुआ था, जिसमें अब तक गाजा में 58 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इजराइल का कहना है कि हमास के पास उसके अभी भी 50 बंधक हैं। शांति वार्ता कतर में चल रही हैं लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आए हैं। दूध न गाजा में मानवीय त्रासदी बेहद भयावह होती जा रही है। 19 मई को आंशिक रूप से नाकाबंदी हटाने के बाद भी इजराइल ने खाद्य सहायता पर भारी पाबंदियां जारी रखी हैं। जुलाई में सामने आई रिपोर्टों के मुताबिक राहत शिविरों के पास 100 से ज्यादा लोगों की जान गई, काफिलों को रोका गया और 90 फीसदी गाजावासी गंभीर भुखमरी से जूझ रहे हैं। इस बीच तीन महीने के बच्चे की भूख और दूध न मिलने से मौत हो गई। गाजा में हालात इतने भयावह हैं कि लोग अब रेत में मिला हुआ आटा छान-छानकर खाने को मजबूर हैं। सिराज/ईएमएस 20जुलाई25