इन संगठनों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते किया था बैन ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश में आवामी लीग सरकार के पतन के बाद उग्रवादी और प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियां एक बार फिर से दिखाई देने लगी हैं। शुक्रवार को ढाका में हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी जिहादी संगठनों के सदस्यों ने ‘जिहाद’ के समर्थन में नारे लगाए और खुद को “जिहादी” बताया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूर्ववर्ती आवामी लीग सरकार के दौरान इन संगठनों को देशव्यापी बम धमाकों और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते प्रतिबंधित किया गया था। कागजों में ये संगठन अब भी प्रतिबंधित हैं, लेकिन ये खुलेआम स्लोगन और पोस्टर के जरिए से सक्रिय हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों ऐसे लोग जिन्हें आतंकवाद से जुड़े मामलों में आरोपी बनाया गया था, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। जेल विभाग के मुताबिक अब तक 300 से ज्यादा जिहादी जेल से बाहर आ चुके हैं, जिनमें कई को उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई थी। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन जिहादी समूहों के सदस्य ढाका के कई जिलों से आए थे और उन्होंने जिहाद चाहिए, जिहाद से जीना है, नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर, कौन हैं हम? मिलिटेंट, मिलिटेंट जैसे नारे लगाए। पिछले 11 महीनों में सिर्फ जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े 148 आरोपी जमानत पर रिहा किए गए हैं। इनमें कई नाम पूर्व सरकार द्वारा चिन्हित आतंकी संगठनों जैसे हर्कत-उल-जिहाद, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, हिज्ब उत-तहरीर, हमजा ब्रिगेड से जुड़े रहे हैं। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के प्रमुख माने जाने वाले मुफ्ती जसीमुद्दीन रहमानी को भी सत्ता परिवर्तन के बाद जमानत मिली। इसी बीच जमात-ए-इस्लामी शनिवार को ढाका में सुहरावर्दी उद्द्यान में एक राष्ट्रीय रैली का आयोजन किया। शुक्रवार से ही पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक राजधानी में इकट्ठा हो गए थे। कई स्थानों पर पारंपरिक कपड़ों में तो कुछ सफेद टी-शर्ट पहनकर नजर आए, जिन पर लिखा था पहला वोट लूटेरों के खिलाफ, वोट दो तराजू को सिराज/ईएमएस 20जुलाई25 ----------------------------------