क्षेत्रीय
20-Jul-2025
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ग्वालियर ( ईएमएस ) । शहर के एफ-9 हरीपुरम कॉलोनी, न्यू सुरेश नगर थाटीपुर निवासी स्व. पांचो बाई, जिनका निधन शुक्रवार देर रात हो गया था। उनकी देह को मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज को समर्पित किया गया। स्वर्गीय पांचो बाई के पुत्र देवेंद्र राजौरिया, जो शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल करियावटी, भितरवार में शिक्षक हैं, उन्होंने अपनी मां के निधन की जानकारी जीआर मेडिकल कॉलेज को दी। साथ ही उन्होंने पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह को शासन के निर्देशों से अवगत कराया। एसपी के आदेश पर थाटीपुर थाने से पुलिस दल मौके पर पहुंचा और गार्ड ऑफ ऑनर की सम्मानजनक सलामी दी गई। इसके उपरांत पांचो बाई की देह को विधिवत रूप से एनाटॉमी के विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश त्रिवेदी व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मनीष चतुर्वेदी की मौजूदगी में विभाग को सुपुर्द किया गया। इधर अजाक्स के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष एवं जेएएच के वर्कशॉप प्रभारी अतर सिंह जाटव ने समाज को इस प्रेरणादायक रास्ते पर चलने का आव्हान किया है। यहां बता दें कि जीआरएमसी में इस वर्ष का चौथा और अब तक का 57 वां देहदान हुआ है। देहदान का संकल्प और प्रेरणा देवेंद्र राजौरिया ने बताया कि उनकी बेटी डॉ. पारुल राजौरिया का वर्ष 2018 में नीट में चयन हुआ था, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज, विदिशा में एमबीबीएस में प्रवेश मिला। अध्ययन के दौरान पारुल ने कॉलेज में डेडबॉडी की कमी की बात अपने दादा-दादी से साझा की। इस संवाद के बाद दंपति ने निश्चय किया कि वे अपनी देह चिकित्सा शिक्षा के लिए समर्पित करेंगे, जिससे भावी चिकित्सकों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सके। पांचो बाई के पति स्व. बाबूलाल राजौरिया ने भी 17 नवंबर 2024 को जीआर मेडिकल कॉलेज में देहदान किया था। इस प्रकार यह दंपति न केवल प्रेरणा स्रोत बने, बल्कि अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर समाज को शिक्षित करने का एक अनुपम उदाहरण भी प्रस्तुत किया। पहली एससी-एसटी दंपति का योगदान देवेंद्र राजौरिया ने बताया कि संभवत: जिले में यह पहली बार हुआ है जब किसी एससी-एसटी वर्ग के दंपति ने संयुक्त रूप से देहदान किया है। यह न केवल समाज के लिए प्रेरणा है बल्कि एक सामाजिक संदेश भी है कि ज्ञान, चिकित्सा और मानव सेवा किसी जाति, वर्ग या समुदाय की सीमाओं में नहीं बंधी होती।