राज्य
20-Jul-2025


- 2030 तक मप्र का नक्शा बदल देगी यह अर्बन ग्रीन पॉलिसी - लोगों को घरों में प्लांटेशन के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित भोपाल (ईएमएस)। मप्र सरकार जल्द ही एक ऐसी पॉलिसी लेकर आने जा रही है, जिससे प्रदेश के शहरों का कायापलट होने वाला है। इस पॉलिसी के मंजूर होने के बाद जहां पार्क से लेकर घरों की छत तक हरियाली की चादर नजर आएगी। वहीं इससे वायु और पर्यावरण प्रदूषण भी काफी हद तक रुकेगा। सबसे खास बात यह है कि गर्मी के दिनों में एसी के भारी-भरकम बिल से जूझने वाले उपभोक्ताओं को भी राज्य सरकार की इस पॉलिसी से राहत मिलेगी। अर्बन ग्रीन पॉलिसी वाला 13वां राज्य होगा एमपी दरअसल शहरों में बढ़ते क्रंकीट के जंगल और कार्बन उत्सर्जन के कारण दिनों-दिन तापमान बढ़ रहा है। इसके साथ वायु और पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ रहा है। इसको नियंत्रित करने के लिए अर्बन ग्रीन पॉलिसी जरूरी है जो हरियाली से संबंधित प्रावधानों को नियमित करती है। मप्र में अर्बन ग्रीन पॉलिसी को लेकर पहले चरण का काम शुरू हो गया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और गोवा समेत 12 राज्यों में अर्बन ग्रीन पॉलिसी पहले ही लागू हो चुकी है। पार्क से छत तक दिखेगी हरियाली की चादर बता दें मप्र के शहरों को प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण हितैषी बनाने के लिए राज्य सरकार अर्बन ग्रीन पॉलिसी लाने जा रही है। इसके तहत पार्कों से लेकर छतों तक हरियाली पहुंचाई जाएगी। यह काम शासकीय, सामुदायिक और निजी जिम्मेदारी से पूरा होगा। शहरों में ग्रीन बेल्ट, रूफ टॉप गार्डन, पॉकेट पार्क और स्पंज पार्क तैयार किए जाएंगे। शहर में प्रदूषण के हॉटस्पॉट को चिह्नित कर सबसे पहले इन स्थानों पर हरियाली विकसित की जाएगी। पहले बंजर और हरित जमीन का सर्वे किया जाएगा इसके बाद योजना बनाई जाएगी। हरियाला से आधा होगा एसी का बिजली बिल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर देवेंद्र व्यास ने बताया कि यदि किसी घर या कार्यालय के आसपास हरियाली और खुली जगह है, तो परिसर का तापमान नियंत्रित रहता है। ऐसे में एसी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और बिजली कम खर्च होती है। दरअसल पेड़-पौधों की छाया से वाष्पोत्सर्जन होता है, जो हवा का ठंडा करता है। इससे एसी को कम मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रकार अर्बन ग्रीन पॉलिसी प्रदेश में अप्रत्यक्ष रूप से बिजली बिल को कम करने में योगदान कर सकती है। मियावाकी तरीके से तैयार होंगे जंगल शहरों में अर्बन पॉलिसी लागू होने के बाद लोगों को घरों में प्लांटेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। मियावाकी तकनीकी से रूफ टॉप या वर्टिकल गार्डन तैयार किए जाएंगे। शहरी आवासीय और खाली जगहों पर वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा। औद्योगिक पार्क, नदियों के आसपास और फ्लाइओवर के नीचे खाली पड़ी जमीन पर भी पौधरोपण होगा। शहरों में हरित आवरण बढ़ाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित करेगी और शहरों को उनके हरित आवरण के अनुसार रेटिंग देगी। 40 प्रतिशत तक कम होगा वायु प्रदूषण नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने बताया कि प्रदेश की आबोहवा को शुद्ध रखने के लिए अर्बन ग्रीन पॉलिसी जरूरी है। विभाग के केबिनेट मंत्री ने भी इसके निर्देश दिए थे। संविधान के प्रवाधान के अनुसार शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के इंतजाम करने की जिम्मेदारी नगरीय निकायों को सौंपी गई है। ऐसे में प्रदेश सरकार नई अर्बन ग्रीन पॉलिसी बनाने जा रही है। इसका उद्देश्य साल 2030 तक 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण कम करना है। विनोद / 20 जुलाई 25