खुशियों की दास्तां अजीविका मिशन के सहयोग से किराना व्यवसाय और कृषि कार्य से आत्मनिर्भर बनीं दीदी नर्मदापुरम (ईएमएस)। नर्मदापुरम जिले के विकासखण्ड अंतर्गत बिछुआ ग्राम की श्रीमति यशोदा कुशवाहा ने दुर्गा आजीविका समूह से जुड़कर न केवल आर्थिक संकटों से उबरने की राह बनाई, बल्कि अपने परिवार की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। पांच सदस्यीय परिवार की सदस्य यशोदा कुशवाहा का प्रारंभिक जीवन आर्थिक तंगी में बीता। परिवार की मासिक आय मात्र 7,000 रुपए थी, जिससे गुजर-बसर कठिन हो रहा था। वह स्वयं मजदूरी कर परिवार के भरण-पोषण में योगदान देती थीं। 15 जनवरी 2017 को यशोदा कुशवाहा दुर्गा आजीविका स्व सहायता समूह से जुड़ीं। समूह के माध्यम से उन्हें आजीविका गतिविधियों की जानकारी मिली और ऋण सुविधा के बारे में समझ बनी। इसके पश्चात् उन्होंने अपने गांव में ही किराना दुकान की शुरुआत की। यशोदा कुशवाहा की आजीविका की विविध गतिविधियां किराना दुकान – समूह से ₹50,000 का ऋण लेकर यशोदा दीदी ने किराना दुकान शुरू की, जिससे उन्हें नियमित आय मिलने लगी। अब गांव के लोग उचित मूल्य पर आवश्यक सामग्री उन्हीं की दुकान से प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही दीदी आजीविका मिशन उत्पादों का विक्रय भी इसी दुकान से कर रही हैं। कृषि कार्य – परिवार के सहयोग से उन्होंने खेती की शुरुआत की, जिसमें अनाज एवं सब्जियों का उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त की। कृषि गतिविधि ने उनके आर्थिक जीवन को और सुदृढ़ किया। इन गतिविधियों से दीदी के परिवार की आय में सुधार हुआ और जीवन स्तर बेहतर हुआ है। वे अब मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का भी लाभ प्राप्त कर रही हैं। यशोदा कुशवाहा ने स्वयं सहायता समूह और आजीविका मिशन से जुड़कर आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। श्रीमती यशोदा का कहना है कि “आजीविका मिशन उनके लिए आशा की किरण बनकर आया। इससे उन्हे सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिला है। उनकी यह सफलता अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो स्वरोजगार की दिशा में प्रयासरत हैं। ईएमएस/राजीव अग्रवाल/ 20 जुलाई 2025