नई दिल्ली, (ईएमएस)। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में ‘टैरिफ बम’ विवाद के बाद अब ट्रंप प्रशासन ने एक और कड़ा कदम उठा लिया है। इस बार निशाने पर आए हैं भारत के कुछ अधिकारी और कॉर्पोरेट लीडर्स। अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को जानकारी दी कि इन लोगों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। वजह—उन पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी में शामिल होने के आरोप हैं। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि हाल के महीनों में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि भारत से जुड़े कुछ अधिकारी और कारोबारी खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स की आपूर्ति में शामिल हैं। दूतावास ने साफ किया कि अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए वीजा रद्द करने का यह कठोर कदम उठाना पड़ा। दूतावास ने बताया कि अब से ड्रग तस्करी से जुड़ी कंपनियों के किसी भी अधिकारी को अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन करते समय ‘रेड फ्लैग’ के तहत चिह्नित किया जाएगा। इसका मतलब है कि ऐसे आवेदनों पर विशेष जांच होगी और जरा भी संदिग्ध पाए जाने पर वीजा मंजूर नहीं होगा। दूसरी बार लगा वीजा प्रतिबंध गौरतलब है कि 2025 में यह दूसरा मौका है जब अमेरिका ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ वीजा रद्ध की कार्रवाई की है। इससे पहले मई में अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत की कई ट्रैवल एजेंसियों और उनके अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए थे। तब उन पर आरोप था कि वे अमेरिका में अवैध आव्रजन को बढ़ावा दे रहे हैं। क्या कहता है अमेरिकी कानून? अमेरिकी दूतावास के अनुसार यह कार्रवाई आव्रजन नीति एवं राष्ट्रीयता की विभिन्न धाराओं के तहत की गई है। इन प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति पर आपराधिक गतिविधि, विशेषकर ड्रग तस्करी, का संदेह होने पर उसके वीजा रद्द किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, दोषी के करीबी परिजनों पर भी अमेरिका की यात्रा करने पर रोक लग सकती है। हिदायत/ईएमएस 18सितंबर25