* नौकरी का लालच देकर लोगों के दस्तावेज लेते और उन्हीं के आधार पर फर्जी कंपनियां बनाकर सिम कार्ड खरीदते थे अहमदाबाद (ईएमएस)| शहर में साइबर क्राइम के एक बड़े मामले में पुलिस ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए उन दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जो चीनी साइबर गैंग को सिम कार्ड उपलब्ध करा रहे थे। असल में यह मामला 86.22 लाख रुपए की ठगी की शिकायत से शुरू हुआ था, जिसकी जांच के दौरान इन दोनों संदिग्धों के नाम सामने आए। आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाकर हजारों सिम कार्ड हासिल किए और उन्हें चीनी गैंग को बेच दिए। यह गैंग इन सिम कार्ड का इस्तेमाल विभिन्न साइबर ठगी के मामलों में करता था। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अन्य लोगों के नाम पर फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड कराई थीं और उनके जरिए कॉर्पोरेट सिम कार्ड लिए थे। आरोपी लोगों को नौकरी का लालच देकर उनके दस्तावेज इकट्ठा करते थे और फिर उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियां बनाकर सिम कार्ड खरीदते थे। जानकारी के मुताबिक कुल 2500 से अधिक सिम कार्ड इस तरीके से तैयार कर चीनी गैंग को सप्लाई किए गए। आरोपियों ने 350 रुपए के सिम कार्ड को 600 से 700 रुपए में बेचकर भारी मुनाफा कमाया। इन सिम कार्ड की डिलीवरी मुंबई एयरपोर्ट पर तय स्थान पर चीनी गैंग के सदस्यों को दी जाती थी। बताया जा रहा है कि आरोपी पिछले 2-3 महीनों से यह धंधा कर रहे थे, जिसकी वजह से कई साइबर ठगी की घटनाएं सामने आईं। पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबिवली निवासी ऋषिकेश उर्फ ऋषभ जयकर और कर्नाटक के बेलगाम निवासी सुरेश गुडिमनी शामिल हैं। दोनों के खिलाफ पहले भी साइबर अपराध के मामले दर्ज हो चुके हैं, जिससे उनकी लंबे समय से साइबर नेटवर्क में संलिप्तता का पता चलता है। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। यह घटना साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करती है, जहां लोग छोटी-छोटी लालच में बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इस गैंग की गतिविधियों पर फिलहाल रोक लगी है और लोगों से साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की अपील की गई है। सतीश/18 सितंबर