राज्य
10-Oct-2025
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इन्दौर (ईएमएस) चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में तीन जजों की स्पेशल बेंच द्वारा सुनवाई के बाद दिए निर्देश और निर्णयानुसार डिवीजन बेंच में स्थानांतरित याचिका पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस विवेक रूसिया व जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की युगल पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका शांति बाई जारवाल उम्र 89 साल निवासी शीलनाथ कैंप कुलकर्णी का भट्टा इन्दौर ने अपने घर से जबरन बेदखल किए जाने के खिलाफ दायर की है। जिस पर डिवीजन बेंच ने लगातार दूसरे दिन भी सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट अभिनव धनोड़कर ने पक्ष रखते दलील दी कि वरिष्ठ नागरिक अधिनियम की धारा 16 के तहत अपील का अधिकार केवल वरिष्ठ नागरिक को है न कि उनके खिलाफ पक्ष को। अतः अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा पारित आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर और विधि विरुद्ध है। शांति बाई ने अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें उनके घर में पुनः बसाया जाए और 13 दिसंबर 2024 के आदेश को रद्द किया जाए। याचिका कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि याचिकाकर्ता शांति बाई ने दायर याचिका में कोर्ट को बताया कि वह लगभग 49 वर्ष से मकान क्रमांक 304, वार्ड 24, शीलनाथ कैंप में अपने परिवार के साथ रह रही थीं। वर्ष 2022 में पड़ोसी प्रेमचंद कुनारे व उनकी पत्नी मंजू कुनारे ने कथित रूप से धमकाकर उसे और उनके परिवार को मकान से जबरन बाहर निकाल दिया। इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत उप संभागीय अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज की थी। मामले की सुनवाई के बाद 23 सितंबर 2024 को एसडीएम ने उनके पक्ष में आदेश जारी करते हुए मकान खाली कर शांति बाई को पुनः कब्जा दिलाने के निर्देश दिए थे जिसे अतिरिक्त कलेक्टर ने 13 दिसंबर 2024 को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ ही हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई है। जिस पर ट्रिपल पीठ के निर्देशानुसार युगलपीठ ने सुनवाई करते फैसला सुरक्षित रख लिया।