राष्ट्रीय
10-Oct-2025
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-विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर प्रधानमंत्री ने युवाओं में बढ़ रहे डिप्रेशन और तनाव को लेकर चिंता जताई नई दिल्ली,(ईएमएस)। हर साल 10 अक्टूबर को पूरी दुनिया में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘आपदा या आपातकाल की स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच’ रखी गई है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने की अपील की और इस क्षेत्र में काम करने वालों को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक शक्तिशाली रिमाइंडर है कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे समग्र कल्याण का एक मूलभूत अंग है। इस तेज-तर्रार दुनिया में यह दिन हमें दूसरों के प्रति करुणा दिखाने और उसे बढ़ाने के महत्व की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि हमें सामूहिक रूप से ऐसा वातावरण बनाना होगा, जहां मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत मुख्यधारा में आए और लोग खुलकर अपनी बात कह सकें। हर साल मनाया जाने वाला यह दिवस मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और यह संदेश देने के लिए समर्पित है कि मानसिक समस्याएं भी उतनी ही गंभीर हैं जितनी शारीरिक बीमारियां। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में युवाओं के बीच डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। तेज रफ्तार जीवनशैली, सोशल मीडिया का दबाव, करियर की अनिश्चितता और रिश्तों में अस्थिरता, आज के युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खुद की तुलना दूसरों से करना, परफेक्ट लाइफ दिखाने की होड़, और असफलता का डर युवाओं को भीतर से तोड़ रहा है। 16 से 30 वर्ष की आयु वर्ग में डिप्रेशन और एंग्जायटी के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, नींद की कमी, अनियमित खान-पान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और डिजिटल लत भी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल रही हैं। दिन-रात मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन में डूबे रहना न केवल आंखों बल्कि मस्तिष्क को भी थका देता है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि समाज में आज भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कलंक और झिझक मौजूद है। बहुत से लोग मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जाने से हिचकिचाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें यह समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। किसी व्यक्ति का बाहरी रूप से स्वस्थ दिखना इस बात की गारंटी नहीं कि वह अंदर से भी ठीक है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का यही संदेश है, बात करें, समझें और मदद लें, क्योंकि स्वस्थ मन ही स्वस्थ समाज की नींव है। हिदायत/ईएमएस 10अक्टूबर25