वॉशिंगटन(ईएमएस)। भारतीय उद्योगपति नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह ही एक और भारतीय मूल के उद्योगपति पर अमेरिका में भारी लोन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। टेलीकॉम कारोबारी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर ब्लैकरॉक की प्राइवेट क्रेडिट शाखा एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और अन्य अमेरिकी ऋणदाताओं ने 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,000 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। यह खुलासा प्रतिष्ठित वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है, जिसने अमेरिकी वित्तीय जगत में हड़कंप मचा दिया है। ब्रह्मभट्ट अमेरिका स्थित ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉयस कंपनियों के मालिक हैं। उन पर इल्ज़ाम है कि उन्होंने फर्जी ग्राहक खाते, जाली इनवॉइस और काल्पनिक राजस्व दिखाकर सैकड़ों मिलियन डॉलर के लोन हासिल किए। इन फर्जी दस्तावेजों को लोन कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल किया गया। लोन की रकम को भारत, मॉरिशस और अन्य देशों में ट्रांसफर कर दिया गया। ब्लैकरॉक और फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबास इस धोखे के सबसे बड़े शिकार बने। एचपीएस ने सितंबर 2020 में पहला लोन दिया था, जो अगस्त 2024 तक बढ़कर 430 मिलियन डॉलर हो गया। जुलाई 2025 में एचपीएस के एक कर्मचारी को संदिग्ध ईमेल मिले, जो कथित ग्राहकों से थे। जांच में पता चला कि ये फर्जी डोमेन से बनाए गए थे, जो असली टेलीकॉम कंपनियों की नकल कर रहे थे। जब यह जानकारी ब्रह्मभट्ट को दी गई, तो उन्होंने इसे ‘सामान्य गलती’ बताया और बाद में फोन उठाना बंद कर दिया। एचपीएस ने डेलॉयट और सीबीआईजेड से ऑडिट करवाया था, लेकिन फर्जी दस्तावेजों की परतें इतनी गहरी थीं कि शुरुआती जांच में धोखा नहीं पकड़ा गया। अगस्त 2025 में ब्लैकरॉक और अन्य बैंकों ने अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया। उसी महीने 12 अगस्त को ब्रह्मभट्ट ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया और उनकी कंपनियों ने चैप्टर 11 के तहत पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की। एचपीएस के अधिकारी जब न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी स्थित ऑफिस पहुंचे, तो वहां ताला लगा था और आसपास के लोगों ने बताया कि कई हफ्तों से कोई स्टाफ नहीं आया।बंकिम ब्रह्मभट्ट बैंकाई ग्रुप के संस्थापक हैं और टेलीकॉम क्षेत्र में 30 साल से अधिक का अनुभव रखते हैं। उनकी कंपनियां वैश्विक टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क सेवाएं देती हैं। धोखाधड़ी सामने आने के बाद उनका लिंक्डइन प्रोफाइल गायब हो गया। ब्लैकरॉक ने हाल ही में एचपीएस का अधिग्रहण किया था ताकि निजी ऋण बाजार में विस्तार कर सके, लेकिन यह मामला उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है। फिलहाल मामला अमेरिकी अदालत में चल रहा है और ऋणदाता अपनी राशि की वसूली के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह घटना अमेरिकी वित्तीय प्रणाली में भारतीय मूल के कारोबारियों की विश्वसनीयता पर भी असर डाल रही है। कैसे किया लोन फ्रॉड बंकिम ब्रह्मभट्ट अमेरिका स्थित ब्रॉडबैंड टेलिकॉम और ब्रिजवॉयस के मालिक हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कंपनियों के खातों में फर्जी ग्राहकों और फर्जी इनवॉइस दिखाकर करोड़ों डॉलर के लोन हासिल किए। इन फर्जी आंकड़ों का इस्तेमाल उन्होंने लोन कोलैटरल (गिरवी संपत्ति) के रूप में किया। बताया गया है कि उन्होंने कई फर्जी ग्राहक खातों का निर्माण किया और लोन की रकम को भारत और मॉरिशस जैसे देशों में ट्रांसफर किया।ब्लैकरॉक और दूसरे बैंकों ने अगस्त 2025 में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर 500 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि बकाया है। वीरेंद्र/ईएमएस/01नवंबर2025 -----------------------------------