ज़रा हटके
08-Nov-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुर्वेद बताता है कि रात का खाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि शरीर को संतुलित रखने और अगली सुबह ऊर्जा से भरपूर बने रहने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए रात के खाने और उसके बाद की कुछ आदतों पर ध्यान देना ज़रूरी है, ताकि शरीर स्वस्थ और मन शांत रहे। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, रात का खाना खाने के तुरंत बाद लेटने की बजाय कम से कम 100 कदम टहलना चाहिए। धीरे-धीरे टहलना पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और गैस या एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। खाने के बाद एक कप गुनगुना पानी या सौंफ का पानी पीना भी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह पेट को हल्का रखता है और अपच की समस्या नहीं होने देता। इसके अलावा, डिनर के बाद पांच मिनट ध्यान या गहरी सांस लेना मन को शांत करता है और शरीर में पाचन रसों के स्राव को बेहतर बनाता है। रात में खाना खाने के बाद मुंह की सफाई करना भी उतना ही आवश्यक है। दांतों और जीभ को साफ न करने से बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिससे न केवल मुंह की दुर्गंध की समस्या होती है बल्कि नींद की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। इसके साथ ही पैरों को धोना या उन पर हल्की तेल मालिश करने से रक्त संचार सुधरता है और नींद गहरी होती है। सोते समय ढीले कपड़े पहनना और मन को सकारात्मक विचारों से भरना भी नींद और पाचन दोनों के लिए लाभदायक माना गया है। आयुर्वेद का मानना है कि रात का खाना सोने से कम से कम दो घंटे पहले यानी रात 8 बजे तक खा लेना चाहिए, जबकि सोने का आदर्श समय रात 10 बजे माना गया है। इससे शरीर में कफ दोष संतुलित रहता है और अगली सुबह सुस्ती महसूस नहीं होती। सोने से ठीक पहले कुछ खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ता है। अगर चाहें, तो सोने से पहले गुनगुना दूध पी सकते हैं, जो नींद को बेहतर बनाता है और पाचन में मदद करता है। आयुर्वेद में नाभि में दो बूंद सरसों या नारियल तेल लगाने और नाक में घी या अणु तेल की बूंद डालने की सलाह दी जाती है। इससे मस्तिष्क को शांति मिलती है और अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। सोने से पहले कमरे की रोशनी मंद कर दें और कम से कम आधे घंटे पहले मोबाइल या टीवी स्क्रीन बंद कर दें। आयुर्वेद के अनुसार, रात में बाईं करवट सोना सबसे सही मुद्रा मानी गई है, क्योंकि इससे पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है। अगर पेट भारी महसूस हो, तो सोने से पहले थोड़ी सी त्रिफला या हींग चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। इसके अलावा अजवाइन और सेंधा नमक का सेवन भी गैस और अपच से राहत दिलाने में मदद करता है। इन सरल आयुर्वेदिक आदतों को अपनाकर व्यक्ति न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बना सकता है, बल्कि लंबे समय तक स्वस्थ और ऊर्जावान भी रह सकता है। मालूम हो कि दिनभर की भागदौड़ और थकान के बाद लोग रात को स्वादिष्ट और भरपेट खाना खाना पसंद करते हैं। डिनर अगर स्वादिष्ट हो, तो अक्सर लोग ज़्यादा खा लेते हैं और फिर तुरंत सोने चले जाते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह आदत शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। सुदामा/ईएमएस 08 नवंबर 2025