- कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती - अनजान नंबर से आए कॉल या वीडियो कॉल पर भरोसा न करें - अपने बैंक डिटेल्स, ओटीपी या यूपीआई पिन किसी से साझा न करें भोपाल(ईएमएस)। डिजिटल क्रिमिनल्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, ऐसा ही एक तरीका डिजिटल अरेस्ट है। सायबर ठग लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के लिये खुद को पुलिस, सीबीआई, इनकम टैक्स या कस्टम अधिकारी बताकर वीडियो कॉल या फोन कॉल के जरिए लोगों को धमकाते हैं, कि उन्होंने कोई अपराध किया है, और उन्हें डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके बाद वे पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाते है। हाउस अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। * सजग और निजी जानकारी सुरक्षित रखकर ही बच सकते है साइबर फ्रॉड से बढ़ते मामलों को लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नर ने एक बार फिर एडवाइजरी जारी करते हुए आमजन को सतर्क रहने की हिदायत दी है। भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिचारीनायारण मिश्रा ने कहा कि आप जितना सजग और निजी जानकारी को सुरक्षित रखेंगे उतना ही आप साइबर अपराध से बच सकेंगे। पुलिस समय-समय पर एडवाइजरी के माध्यम से लोगों को जागरुक करने के प्रयास कर रही है। * डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं और हाउस अरेस्ट जैसा कोई मामला नहीं होता. पुलिस अफसरो का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं होता और हाउस अरेस्ट जैसा कुछ भी मामला नहीं होता। इसमें सायबर जालसाज केवल आपको डराता धमकता है, और जो डर जाता है, वह वारदात का शिकार हो जाता है। अफसरो का कहना है की किसी भी जांच एजेंसी द्वारा आपको कोई कॉल आता है, और वह डराता या धमकाता है, तो आप तुरंत ही समझ जायें कि आपके साथ पूरी तरह से धोखाधड़ी हो रही है, और इसके लिए आपको जागरूक होने की जरूरत है। * वीडियो कॉल से पुलिस नहीं करती कोई जांच अफसरो ने एक बार फिर साफ किया है की कोई भी पुलिस या जांच एजेंसी वीडियो कॉल या व्हाट्सएप कॉल से जांच नहीं करती और ना ही हाउस अरेस्ट तरह की कोई कार्रवाई करती है। इसलिए ऐसी कोई भी कॉल आने पर डरने की जरुरत नहीं है। सतर्क रहिए और ऐसी कोई भी कॉल आने पर पुलिस के टोल फ्री नंबर पर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। * एडवाइजरी में बताया किस तरह बच सकते है सायबर फ्रॉड से डिजिटल अरेस्ट से बचने साइबर क्राइम ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ऐसी वारदातो से सुरक्षित रहने के कुछ बातों को ध्यान रखना जरुरी है। इसके लिये अनजान नंबर से हाउस अरेस्ट के लिये आए कॉल या वीडियो कॉल पर भरोसा न करें, क्योकिं कोई भी सरकारी एजेंसी वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करती। यदि कोई खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगता है, तो तुरंत कॉल काटें, कभी भी अपने बैंक डिटेल्स, ओटीपी या यूपीआई पिन किसी से शेयर न करें। एनपीसीआई की सलाह के अनुसार, ऐसे कॉल्स को तुरंत रिपोर्ट करें और ब्लॉक करें। अपने परिवार, खासकर बुजुर्गों को इस स्कैम के बारे में जानकारी दें। सोशल मीडिया पर इस तरह की घटनाओं को साझा करके दूसरों को भी सतर्क करें। किसी भी कानूनी कार्रवाई की धमकी मिलने पर घबराएं नहीं इसकी सूचना भोपाल सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दें। जुनेद / 11 नवंबर