मुंबई (ईएमएस)। अपकमिंग वॉर ड्रामा फिल्म 120 बहादुर को लेकर बॉलीवुड फिल्म निर्माता फरहान अख्तर चर्चा में हैं। वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजत शर्मा के मशहूर शो आप की अदालत में पहुंचे फरहान ने फिल्म से जुड़े विवादों पर खुलकर बात की। यह फिल्म 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान लड़ी गई रेजांग ला की ऐतिहासिक लड़ाई पर आधारित है। इस युद्ध में भारतीय सेना की 13 कुमाऊं रेजीमेंट की अहीर कंपनी ने असाधारण साहस दिखाया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या फिल्म का फोकस सिर्फ मेजर शैतान सिंह भाटी पर है और बाकी 120 बहादुर सैनिकों की कहानी को नज़रअंदाज़ किया गया है, तो फरहान ने बड़ी स्पष्टता से जवाब दिया। उन्होंने कहा, “अगर मैं सिर्फ मेजर शैतान सिंह पर फिल्म बनाना चाहता, तो इसका नाम शैतान सिंह रख देता। लेकिन इस फिल्म का नाम 120 बहादुर इसलिए रखा गया है, क्योंकि यह पूरी कंपनी की वीरता और सामूहिक बलिदान की कहानी है।” फरहान ने कहा कि यह फिल्म किसी एक हीरो की बायोपिक नहीं है, बल्कि यह उन सभी जवानों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने बताया कि फिल्म में एक डायलॉग है जो सैनिकों की भावना को गहराई से व्यक्त करता है “अहिर हैं हम, प्यार से मांगोगे तो जान भी दे देंगे, लेकिन देश पर बात आई तो एक तो क्या, सौ की जान ले भी लेंगे।” फरहान ने कहा कि यह संवाद अहीर कंपनी की उस अटूट भावना का प्रतीक है, जो देश के लिए अंतिम सांस तक लड़ने को तैयार थी। फरहान अख्तर इस फिल्म में मेजर शैतान सिंह भाटी, पीवीसी की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने अपने नेतृत्व और साहस से भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्ण अध्याय लिखा। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे इन 120 सैनिकों ने बर्फ से ढकी ऊंचाइयों पर सीमित संसाधनों के बावजूद दुश्मनों से अंतिम सांस तक मुकाबला किया और “हम पीछे नहीं हटेंगे” की भावना के साथ इतिहास रच दिया। 120 बहादुर का निर्देशन रजनीश ‘रेज़ी’ घई ने किया है। इसे रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के एक्सेल एंटरटेनमेंट ने अमित चंद्रा के ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़ के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया है। सुदामा/ईएमएस 12 नवंबर 2025