० 5वीं और 8वीं के बच्चों को हिन्दी और विज्ञान की किताबें अब तक नहीं मिलीं जगदलपुर (ईएमएस)। अभिभावकों की मांग पर छत्तीसगढ़ सरकार ने कक्षा पांचवी और आठवीं में बोर्ड परीक्षाएं फिर से शुरू कर दी है, लेकिन शिक्षा सत्र शुरू होने के 8 महीने बाद भी पांचवी के विद्यार्थियों को हिंदी और आठवीं के बच्चों को विज्ञान की किताबें उपलब्ध नहीं कराई गई है। शीघ्र ही छहमाही परीक्षा होनी है, ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा कैसे देंगे? लापरवाही का आलम यह भी है कि कक्षा छठवीं के बच्चों को भी सामान्य विज्ञान और संस्कृति की किताब नहीं मिली हैं। बताते चलें कि बस्तर जिला अंतर्गत 1526 शासकीय प्राथमिक और 638 माध्यमिक शालाएं हैं। इस आंकड़े में प्राइवेट स्कूलों की संख्या शामिल नहीं है। बताया गया कि प्राइमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों में करीब एक लाख बच्चे अध्यनरत हैं। छग पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा अब तक कक्षा पांचवी के बच्चों को हिंदी और आठवीं के छात्र-छात्राओं को विज्ञान की किताबे उपलब्ध नहीं कराई गई है, जबकि पांचवी और आठवीं कक्षा को अब बोर्ड कर दिया गया है। ऐसी परिस्थितियों में हजारों छात्र-छात्राओं को बाजार से किताबें खरीदनी पड़ रही है। बताया गया कि अप्रैल महीने में ही शिक्षा प्रारंभ हो चुका है, और बीते 8 महीने में किताब उपलब्ध नहीं कराए जाने से शिक्षक और विद्यार्थी दोनों परेशान हैं। इस संदर्भ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का कहना है कि किताबों के लिए छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम को कई बार पत्र लिखा जा चुका है, किंतु वांछित उत्तर नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ पापुनि के अधिकारियों ने शासन को यह लिखकर दे दिया है कि सभी बच्चों को किताबें उपलब्ध करा दी गई है, जबकि यह पूरी तरह से गलत है।