नई दिल्ली (ईएमएस)। लालकिले के पास हुए धमाके की गहन जांच में एजेंसियों का शक है कि आरोपी डॉ. उमर प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद का शू बॉम्बर हो सकता है, जिसकी कार से अमोनियम नाइट्रेट और टीएटीपी के ट्रेस वाला जूता बरामद हुआ है और वह तुर्की के उकासा हैंडलर के निर्देश पर काम कर रहा था।लालकिले के पास धमाके के बाद एजेंसियां गहन जांच में जुटी हैं। विस्फोट वाली कार से बरामद जूते में अमोनियम नाइट्रेट और ट्राइएसीटोन ट्राइपेरॉक्साइड (टीएटीपी) के ट्रेस मिलने का भी शक जताया गया है। दरअसल, तफ्तीश जिस दिशा में आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए एजेंसियों का फिदायीन डॉ. उमर को लेकर यह शक गहराता जा रहा है कि वह प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद का शू बॉमर हो सकता है। दरअसल, जांच एजेंसियों को धमाका वाले स्थल से डॉ. उमर मोहम्मद की आई-20 कार में ड्राइविंग सीट के नीचे के राइट फ्रंट टायर से एक जूता बरामद हुआ है। यह भी पता चला है कि जैश समर्थित डॉक्टरों का यह मॉड्यूल पिछले एक साल से फिदायीन हमलावर तैयार करने की कोशिश कर रहा था। काजीकुंड से हिरासत में लिए गए जसीर उर्फ दानिश ने एजेंसियों से पूछताछ के दौरान यह बताया है कि वह अक्तूबर 2023 में इन डॉक्टरों से मिला था। तभी से डॉ. उमर उसे फिदायीन बनाने के लिए ब्रेनवॉश कर रहा था। वह अक्सर धमाके के लिए फिदायीन बनने और बनाने की बात करता था। जांच के दौरान इस साजिश में अहमद नामक एक नए शख्स की एंट्री भी हुई है, जो मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में जेल में है। जांचकर्ताओं को संदेह है कि उसने जेल में रहते हुए राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया। शाहीन सईद ने पूछताछ में बताया कि उसने कई समूह बनाए थे और इन समूहों में से एक की नादिया की जेल में बंद साबिर अहमद अगुवाई करता था। अबतक की जांच में यह भी पता चला है कि फिदायीन डॉ. उमर तुर्की में मिलने वाले जैश-ए-मोहम्मद के ‘उकासा’ नाम के हैंडलर के निर्देश पर काम रहा था। ‘उकासा’ पर सेशन ऐप के जरिए भारत में अपने मॉड्यूल से जुड़े संदिग्धों से संपर्क में रहने का आरोप है। भारत में सक्रिय डॉक्टरों का यह मॉड्यूल आपास में संवाद करने के लिए थ्रीमा नामक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग स्विस संचार ऐप का इस्तेमाल करता था। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/18/नवंबर/202