02-Dec-2025
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टेक्सास (ईएमएस)। एक धार्मिक पंथ में मात्र तीन साल की मासूम सेरेना केली को क्रूर प्रथा के नाम पर अपने दादा से शादी के लिए मजबूर किया गया। इस मासूम का जन्म ‘चिल्ड्रन ऑफ गॉड’ नामक कुख्यात पंथ में हुआ था। यह पंथ अपने यौन शोषण, दुर्व्यवहार और विचित्र नियमों के लिए कुख्यात था, जहां बच्चों का बचपन बुरी तरह से कुचला जाता था। पंथ के सिद्धांतों और संस्थापक की अंधेरगर्दी का सबसे भयानक उदाहरण तब सामने आया जब सेरेना केली को महज तीन साल की छोटी उम्र में सफेद कपड़े पहनाकर पंथ के संस्थापक और उपदेशक, डेविड बर्ग से शादी करने के लिए मजबूर किया गया। यह क्रूर विवाह तब हुआ, जब बर्ग (जो खुद को पंथ के सदस्यों का दादा जी कहलवाता था) की उम्र सेरेना से 65 साल ज्यादा थी। सेरेना ने खुद इस चौंकाने वाली कहानी को शेयर किया। बता दें कि सेरेना का जन्म डेविड बर्ग के ही घर में हुआ था, क्योंकि बर्ग ने पहले ही उसकी बड़ी बहन को अपनी चुनी हुई संतान के रूप में ले लिया था। जब बर्ग को पता चला कि सेरेना की मां फिर से गर्भवती है, तो उसने फैसला किया कि वह सेरेना को भी अपने संरक्षण में लेगा। बर्ग अपने अनुयायियों को बताता था कि ईश्वर ही प्रेम है और प्रेम की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए, चाहे वह उम्र या रिश्ते की परवाह किए बिना हो। ऐसे में सेरेना के गर्भ में होने के दौरान ही बर्ग ने उसे अपने साथ लेने और उसके बचपन को पंथ के प्रकाशनों में दर्ज करने का निर्णय लिया था। ये प्रकाशन दुनिया भर में अनुयायियों को भेजे जाते थे, ताकि यह दिखाया जा सके कि जब किसी बच्चे का पालन-पोषण ‘सही तरीके’ से किया जाता है, तो क्या हासिल किया जा सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेरेना ने बताया, “बर्ग का मानना था कि बच्चों को उनकी बहुत कम उम्र में ही यौन रूप से जागृत किया जाना चाहिए।” यही कारण था कि जब सेरेना केवल तीन साल की थी, तो उसकी मां ने उसे बर्ग की पत्नी बनने के लिए सौंप दिया। सेरेना ने समझाया, “उसने मुझे एक अंगूठी दी और हमारी पूरी औपचारिक रस्म हुई। पंथ में इसे एक बहुत बड़ा सम्मान माना जाता था। हर कोई इसे लेकर बहुत उत्साहित था।” सेरेना उन पलों को याद करते हुए बताती हैं, “मैं मुश्किल से तीन साल की थी और मुझे गुड़िया दी गई। मुझे याद है कि वह मेरे लिए बहुत खास था, क्योंकि पंथ में हमें कभी ज्यादा खिलौने नहीं मिलते थे।” जैसे-जैसे सेरेना बड़ी होती गईं, वह गंदे माहौल से घिरी रहीं। लोग बिना कपड़ों के होते थे। उसने ‘अनफिल्टर्ड स्टोरीज’ को बताया कि यह सब डेविड बर्ग की ‘रणनीति’ का हिस्सा था, जिसके माध्यम से वह बच्चों को अपने गलत इरादों के लिए तैयार करता था। सेरेना ने कहा कि छोटी सी उम्र में ही गलत तरीके से छुआ जाता था। लेकिन कोई कुछ नहीं कहता, सबको लगता था कि सेरेना को पंथ के लीडर के लिए ही बनाया गया है। हालांकि, इन तमाम एक्सपीरिएंस के बाद सेरेना कई देशों में पंथ के काम से गईं, जिसमें अमेरिका, जापान से लेकर ब्राजील तक शामिल थे। 1989 में 6 साल की उम्र में जब वो ब्राजील गईं, उसके बाद वो पंथ प्रधान से नहीं मिलीं। वहीं, पांच साल बाद ही बर्ग की मौत हो गई। इसके बाद वो कई सालों तक दूसरे देशों में जाती रहीं। फिर 18 साल की उम्र में वो अपनी मां के साथ अमेरिका चली गईं और पंथ से दूर हो गईं। वहां पंथ के पूर्व सदस्यों की मदद से उन्होंने अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू किया। मालूम हो कि दुनिया में ऐसे कई पंथ और धार्मिक समूह मौजूद रहे हैं, जिनके नियम और क्रूर प्रथाएं समाज के लिए भयानक होती हैं। सुदामा/ईएमएस 02 दिसंबर 2025