- अडाणी के शेयरों में एलआईसी ने कुल 38,658.85 करोड़ रूपये निवेश - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी सफाई दी कहा, “एलआईसी पर किसी तरह का दबाव नहीं, सभी निवेश तय प्रक्रिया के अनुसार” नई दिल्ली (ईएमएस)। अडाणी समूह में एलआईसी के बड़े निवेश को लेकर उठे सवाल और वॉशिंगटन पोस्ट की ताज़ा रिपोर्ट के बाद संसद में राजनीतिक तापमान एक बार फिर बढ़ गया। सोमवार को लोकसभा में इस मुद्दे पर विपक्ष ने वित्त मंत्रालय को घेरा और पूछा कि क्या एलआईसी पर अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश करने के लिए सरकारी दबाव डाला गया था। इसी बहस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि एलआईसी के निवेश संबंधी निर्णय पूरी तरह स्वतंत्र होते हैं और वित्त मंत्रालय किसी भी कंपनी में निवेश के लिए न तो निर्देश देता है और न ही सलाह। उन्होंने कहा कि एलआईसी एक स्वायत्त संस्था है, जिसके पास अपनी पेशेवर टीम है, जो मार्केट स्थिति, जोखिम, और कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को जांचने के बाद ही निवेश निर्णय लेती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में पहली बार अडाणी समूह में एलआईसी द्वारा निवेश की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अडाणी समूह की 6 कंपनियों के शेयरों में एलआईसी ने कुल 38,658.85 करोड़ रूपये निवेश किए। अडाणी समूह के बॉन्ड्स और डिबेंचर में 9,625.77 करोड़ रूपये का निवेश किया गया। यह निवेश कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं था, बल्कि वर्षों से चल रहे रणनीतिक निवेश का हिस्सा है।