क्षेत्रीय
02-Dec-2025
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इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस प्रणय वर्मा की एकल पीठ ने देश के प्रतिष्ठित क्लबों में शुमार यशंवत क्लब में नये निर्माण किए जाने की इन्दौर नगर निगम द्वारा अनुमति इस आधार पर नहीं दी जाना कि उनका टैक्स बकाया है को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई उपरांत अपने निर्णय में कहा कि नए भवन पर निगम नया टैक्स बकायानुसार गणना कर सकता है, लेकिन पुराने संपत्तिकर विवाद के आधार पर नक्शा पास करने की प्रक्रिया रोकना न्यायोचित नहीं। याचिकाकर्ता ने टैक्स का भुगतान कर दिया है। अब नगर निगम पोर्टल को सक्रिय करे और नक्शा पास करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाए। जो भी नया टैक्स निर्धारित होगा, उसे क्लब द्वारा जमा किया जाएगा। कोर्ट ने क्लब के पूर्व चेयरमैन पम्मी छाबड़ा और वर्तमान सचिव संजय गोरानी द्वारा दायर याचिकाओं पर गत 21 नवंबर की सुनवाई में दोनों याचिकाओं को जोड़ दिया था कल उनकी संयुक्त रूप से सुनवाई उपरांत यह निर्णय दिया कि पुराने संपत्तिकर विवाद के चलते नए भवन का नक्शा पास करने से नहीं रोका जा सकता। याचिका सुनवाई दौरान एडवोकेट विशाल बाहेती ने क्लब की ओर से तर्क दिया गया कि निगम ने 69 लाख की कुल डिमांड निकाली थी, जबकि क्लब इससे कही अधिक राशि जमा कर चुका है। जबकि कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए अंतरिम आदेश में केवल 30% भरने के निर्देश दिए थे। याचिका कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि नगर निगम ने वर्ष 2020-21 में यशवंत क्लब की संपत्तिकर डिमांड निकाली जिसके खिलाफ तत्कालीन चेयरमैन पम्मी छाबड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने अंतरिम आदेश में कहा था कि क्लब डिमांड की 30 फीसदी राशि जमा करे, शेष पर अंतिम निर्णय सुनवाई में होगा। जिसके बाद क्लब प्रबंधकारिणी ने क्लब के नए सदस्यों की राशि से नया भवन निर्माण के लिए निगम में नक्शा पास कराने का आवेदन किया। जिसे नगर निगम के ऑनलाइन पोर्टल पर पुराना बकाया दिखाने के कारण नक्शा पास करने से इनकार कर दिया गया। जिसके बाद वर्तमान सचिव द्वारा याचिका दायर की गई। कोर्ट ने दोनों याचिका पर सुनवाई उपरांत उक्त निर्णय सुनाया।