-केंद्र सरकार ने सभी राजनीतिक दलों को इसमें सहभागी बनने का किया आग्रह नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के अवसर पर संसद के शीतकालीन सत्र में इस ऐतिहासिक गीत पर विशेष चर्चा होगी। लोकसभा में यह चर्चा इसी सप्ताह गुरुवार या शुक्रवार को होगी, जिसके लिए 10 घंटे का समय तय किया गया है। पीएम मोदी भी इस विशेष बहस में हिस्सा लेंगे। चर्चा का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के इस प्रेरक गीत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व को रेखांकित करना है। इस फैसले पर सहमति 30 नवंबर को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक और लोकसभा व राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठकों में बनी। राज्यसभा में भी एनडीए सदस्यों ने वंदे मातरम पर विशेष चर्चा की वकालत की। सरकार ने इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताते हुए सभी राजनीतिक दलों को इसमें सहभागी बनने का आग्रह किया है। भारत ने 1950 में ‘वंदे मातरम’ को अपने राष्ट्रगीत के रूप में अपनाया था। इसे बंकिमचंद्र चटर्जी ने 1870 के दशक में बंगाली में लिखा था। यह उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा है, जिसका प्रकाशन 1882 में किया गया था। स्वतंत्रता आंदोलन में ‘वंदे मातरम’ जनमानस में जोश भरने वाला गीत बना गया। इसके 150 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने पिछले दिनों स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया था। पीएम मोदी ने इसे स्वतंत्रता संग्राम की अमर धरोहर बताते हुए युवाओं से इसका अधिकाधिक गान करने की अपील की थी। बैठक में कांग्रेस ने एसआईआर और चुनावी सुधारों पर बहस की मांग की लेकिन सरकार ने ‘वंदे मातरम’ की चर्चा को प्राथमिकता दी। टीएमसी ने भी लोकसभा में इस चर्चा का समर्थन किया। बता दें शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकें होंगी। इस सत्र में 10 नए विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें परमाणु ऊर्जा, उच्च शिक्षा, राष्ट्रीय राजमार्ग और बीमा क्षेत्र सुधार से जुड़े बिल शामिल हैं। इसके अलावा, 2025–26 के प्रथम अनुपूरक अनुदान मांगों पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी। सिराज/ईएमएस 02दिसंबर25