- कर्ज लेकर किसानों के दे रहे पैसा भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश में किसानों का गेहूं और धान को समर्थन मूल्य पर खरीदना राज्य सरकार की जेब पर अब भारी पड़ रहा है। केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूं और धान पर दी जाने वाली राशि को घटा दिया है। इसकी वजह से राज्य सरकार को 1.59 लाख करोड़ का कर्ज लेना पड़ा है। इसकी जानकारी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में सरकार ने दी है। सरकार ने गेहूं और धान खरीदी पर पिछले 5 सालों में समर्थन मूल्य पर 410 रुपए की बढ़ोत्तरी तो की, लेकिन केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को 6241 करोड़ रुपए कम मिले हैं। कांग्रेस विधायक बाला बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने बताया कि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को पिछले 5 सालों में 70 हजार करोड़ रुपए की राशि ही मिली है, जबकि राज्य सरकार को गेहूं और धान का भुगतान करने के लिए 1 लाख 59 हजार 259 करोड़ रुपए चुकाने पड़े। केन्द्र से कम राशि मिलने की भरपाई करने के लिए राज्य सरकार को बैंकों से कर्ज लेना पड़ा है। खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि अभी राज्य पर 68 हजार 348 करोड़ रुपए का कर्ज है, जबकि बैंकों को 25 हजार 340 करोड़ रुपए का ब्याज भी चुकाया गया है। साल 2021-22 में केन्द्र सरकार से 11946.44 करोड़ राशि मिली, जबकि राज्य से 34145 करोड़ का भुगतान किया गया। इस साल एमएसपी 1925 रुपए प्रति क्विंटल थी। साल 2022-23 में केन्द्र से 14420.62 करोड़ रुपए राशि मिली, जबकि राज्य सरकार ने 14642 करोड़ का भुगतान किया। इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल थी। साल 2023-24 में केन्द्र से 9471.50 करोड़ रुपए राशि मिली, जबकि राज्य सरकार ने 24169 करोड़ का भुगतान किया। इस साल एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल थी। साल 2024-25 में केन्द्र से 16939.27 करोड़ रुपए राशि मिली, जबकि राज्य सरकार ने 21154 करोड़ का भुगतान किया। इस साल एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल थी। साल 2025-26 में केन्द्र से 7000 करोड़ रुपए राशि मिली, जबकि राज्य सरकार ने 20205 करोड़ का भुगतान किया। इस साल एमएसपी 2425 रुपए प्रति क्विंटल थी। मध्य प्रदेश में उपार्जन और भंडारण का कार्य नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारी विपणन संघ द्वारा किया जाता है। दोनोंं ही संस्थाओं पर भारी कर्ज का बोझ है। नागरिक आपूर्ति निगम पर 1 लाख 21 हजार 740 करोड़ का कर्ज है और इसके लिए 18930 करोड़ का ब्याज चुकाया गया है। जबकि सहकारी विपणन संघ पर 37513 करोड़ का कर्ज है और इसके लिए 5599 करोड़ का कर्ज चुकाया जा रहा है। विनोद / 02 दिसम्बर 25