गाजियाबाद (ईएमएस)। गाजियाबाद के सबसे पुराने और जर्जर हो चुके तुलसी निकेतन आवासीय परिसर का व्यापक पुनर्विकास करना, ताकि करीब 20 हजार से अधिक निवासियों को सुरक्षित और आधुनिक आवास मिल सकें। गुरुवार को जीडीए (गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) और एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के बीच परियोजना के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। यह प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। पुनर्विकास की लागत न तो प्राधिकरण पर आएगी और न ही आवंटियों पर, जिससे निवासियों पर कोई आर्थिक भार नहीं पड़ेगा। एनबीसीसी इस प्रोजेक्ट को परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) के रूप में दो चरणों में पूरा करेगा। समझौता हस्ताक्षर के बाद, आठ सप्ताह में एनबीसीसी प्राधिकरण को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपेगा, जिसमें क्रियान्वयन मॉडल का आंकलन होगा। शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाएगी। वर्तमान स्थिति: जीडीए ने वर्ष 1989-90 में 7.83 हेक्टेयर भूमि पर यह योजना विकसित की थी। कुल 2,292 फ्लैट (2004 ईडब्ल्यूएस और 288 एलआइजी) और 60 दुकानें बनाई गई थीं। वर्तमान में यहां 20 हजार से अधिक लोग निवास करते हैं। योजना के 16 एकड़ क्षेत्र में निजी डवलपर्स के सहयोग से नई बहुमंजिला आवासीय इमारतें बनाई जाएंगी। यह पुनर्विकास योजना तुलसी निकेतन के निवासियों को सुरक्षित और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आशीष दुबे / 02 दिसंबर 2025