* नवसारी में टाइम कैप्सूल से विरासत को अमर करने के कार्य की मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने की प्रशंसा अहमदाबाद (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में सोमवार को अहमदाबाद में पारसी धर्मगुरुओं का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के करकमलों से पारसी धर्मगुरुओं को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी को गीता जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि अपने धर्म में निष्ठापूर्वक जीना ही सबसे बड़ा कर्तव्य है। पारसी समाज के पूर्वजों ने भारत में आकर गीता के ‘स्वधर्म’ के संदेश को जिया और कभी अपने धर्म को नहीं छोड़ा है। पारसियों ने भगवद् गीता का स्वधर्म का संदेश आत्मसात किया है। अपने धर्म की रक्षा के लिए 1300 वर्ष पहले वे ईरान से स्थानांतरण कर गुजरात आए और दूध मे चीनी की तरह घुल गए। राष्ट्र निर्माण में पारसियों का महामूल्यवान योगदान रहा है। भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि जिस तरह भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिए गए गीता के ज्ञान को सदियों से जतन करके रखा गया है, उसी तरह पवित्र आतश की रक्षा से धर्म का अस्तित्व बनाए रखने की गाथा का युगों तक जतन करने के लिए नवसारी में टाइम कैप्सूल रखकर इतिहास को अमर रखने का कार्य पारसी समुदाय द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को यह टाइम कैप्सूल चरितार्थ करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की जो विभावना दी है, उसे पारसी समुदाय ने साकार किया है। साथ ही; उन्होंने पारसी समाज के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शुरू की गई पीएम जियो पारसी योजना का भी उल्लेख किया। पारसी समाज गुजरात के सामाजिक जीवन में समरसता से घुल गया होने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ-जहाँ यह समुदाय बसा, वहाँ दानवीरता-परोपकारिता का बीजारोपण हुआ है। उनके पूर्वजों ने हमेशा समाज को कुछ न कुछ दिया है। इसीलिए कहा जाता है कि दानवीरता-परोपकारिता का दूसरा नाम पारसी हैं। अरीज खंभाता बेनेवोलेंट ट्रस्ट (एकेबेटी) पारसी समाज की दानवीरता की उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने जोड़ा कि यह ट्रस्ट हेल्थकेयर, एजुकेशन तथा समाज कल्याण सहित विभिन्न क्षेत्रों में वंचित समुदाय के उत्थान के लिए समर्पित रहा है। एचआईवी पीड़ित लोगों के लिए भी यह ट्रस्ट कल्याण के अनेक कार्य करता है। ट्रस्ट के माध्यम से हर वर्ष हजारों लोगों के जीवन में परिवर्तन आ रहा है। भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि अल्पसंख्यक होने के बावजूद भी पारसी समुदाय ने अपने संस्कारों, मूल्यों तथा सूझ-बूझ को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम काल से लेकर आज तक देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना देने वाले मैडम भीकाजी कामा, होमी भाभा, टाटा, वाडिया, गोदरेज परिवारों, फील्ड मार्शल सैम माणेक शॉ, फरदुनजी मर्जबान, नानी पालखीवाला, सोली सोराबजी, फली नरीमान सहित पारसी अग्रणियों को इस अवसर पर याद किया। पारसी समुदाय के प्रमुख धार्मिक अग्रणी दस्तूरजी खुर्शीद दस्तूर ने अरीज खंभाता बेनेवोलेंट ट्रस्ट के कामकाज की प्रसंसा करते हुए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने पारसी सहित सभी समाजों को साथ लेकर सबके विकास के लिए निरंतर प्रयारसत रहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। अरीज खंभाता बेनेवोलेंट ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी पीरूज खंभाता ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकास विद विरासत’ का मंत्र दिया है। पारसी प्रिस्ट्स का सम्मान इस मंत्र को साकार करता है। विकास में अग्रसर रहने वाला गुजरात मुख्यमत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा, जीवनशैली सहित हर मामले में निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने जोड़ा कि विकसित भारत के निर्माण में पारसी समाज अपना सक्रिय योगदान देने को तत्पर है। उन्होंने इस अवसर पर ट्रस्ट के कामकाज की जानकारी देकर आगामी समय में पारसी समाज में धार्मिक शिक्षा में आगे बढ़ रहे युवाओं के लिए शुरू की जाने वाली छात्रवृत्ति की घोषणा की। यहाँ उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय कार्यक्रम अंतर्गत पारसी समाज की नई पीढ़ी को उनकी परंपरा तथा संस्कृति के प्रति जागृत करने वाले विभिन्न कार्यक्रमों तथा नाटक, म्यूजिक एवं कॉमेजी जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में देशभर से पारसी समाज के लोग उपस्थित रहने वाले हैं। इस अवसर पर प्रमुख दस्तूरजी टेमटन मिर्जा, प्रमुख दस्तूरजी साइरस दस्तूरजी, एकेबेटी की ट्रस्टी परसीस अरीज खंभाता, बिनाइसा पीरूज खंभाता, पारसी समाज के अग्रणी, सामाजिक संस्थाओं के अग्रणी और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। सतीश/02 दिसंबर